तितलियाँ

01-04-2019

फूलों की करती हैं 
पहचान तितलियाँ। 
कलियों को सिखाती हैं 
मुस्कान तितलियाँ। 

मधुमास के आँचल में 
भरती हज़ार रंग, 
धरती पर विधाता का हैं 
वरदान तितलियाँ। 

ख़ुशबू की तरह सीख लो 
तुम वायु में उड़ना, 
इशारों में देती गीता का 
ज्ञान तितलियाँ। 

उपवन में, मधुवन में, 
या कि हों वृन्दावन में, 
बहारों की होती हरदम 
मेहमान तितलियाँ। 

मीलों की दूरी लेती हैं 
पल भर में नाप, 
पंख खोल भरती 
जब उड़ान तितलियाँ। 

भ्रमरों से करती हैं 
"अमरेश" अठखेलियाँ ये ख़ूब, 
पर होती नहीं नियति की 
बेईमान तितलियाँ। 

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