सुरंगमा यादव हाइकु - 6

15-12-2024

सुरंगमा यादव हाइकु - 6

डॉ. सुरंगमा यादव (अंक: 267, दिसंबर द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

1.
मधुप मुग्ध 
फूलों पर शोभित
ज्यों काला टीका। 
2.
निखर उठी
वसंत पार्लर में
प्रकृति सखी। 
3.
प्रकृति मंच
प्रेम कथा वाचक
बना वसंत। 
4.
ख़ुद न जाने
किस सुख के पीछे
मन ये भागे। 
5.
रीता दीपक 
बाती की निचुड़न 
वृद्ध जीवन। 
6.
निकले पर
मुड़कर न देखा
फिर इधर। 
7.
युवा विकृति
बुज़ुर्गों की उपेक्षा
नव संस्कृति। 
8.
पेंशन मिली
सहेजने आ गयी
बेटे की जेब
9.
आस्तीनी साँप
फुफकारते नहीं
चूकते नहीं। 
10.
नदी का तट
धधकती लपटें
आँसू के रेले। 

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