वंशीधर शुक्ल का काव्य
डॉ. सुरंगमा यादवशुक्ल जी की कविताएँ ग्राम्य जीवन का जीवन्त दृश्य उपस्थित करने में तो सक्षम हैं ही साथ ही राजनीतिक चेतना का आदर्श रूप भी हमारे सम्मुख प्रस्तुत करती हैं। शुक्ल जी ने कृषकों और श्रमिकों की दयनीय स्थिति और शोषण का सजीव चित्रण किया है। उनके संघर्ष और त्रासदपूर्ण जीवन का वास्तविक प्रतिबिम्ब वंशीधर जी के काव्य में देखा जा सकता है।
पुस्तक पढ़ेंलेखक की कृतियाँ
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