मज़दूर की परिभाषा

15-05-2023

मज़दूर की परिभाषा

दीपमाला (अंक: 229, मई द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

(मज़दूर दिवस पर विशेष) 
 
क्या होता है मज़दूर? 
क्या उसकी कोई अलग परिभाषा है? 
क्या कोई अलग शारीरिक संरचना
या कोई अलग अभिलाषा है? 
 
अपने परिवार का पेट पालने वो
सुबह होते ही निकल जाता है। 
सारे दिन श्रम करता है और 
रात को थक कर सो जाता है। 
 
एक अलग ही सुख है उस थकान में भी
बच्चों को भरपेट खाते हुए देखने का सुख, 
पत्नी के चेहरे पर दिखते संतोष का सुख। 
अपनी मेहनत के निवाले से 
अपने परिवार का पेट पालने का सुख। 
 
भला कहाँ हर किसी को मिल पाता है यह सुख
यह सुख तो बस मेहनतकश 
लोगों के हिस्से में आता है। 
इसीलिए तो वह मज़दूर कहलाता है। 
 
वो मज़दूरी करता है 
तभी नियमित हो पाते हैं हम सब के सुख। 
वरना तपते हम भी कड़ी धूप में, 
भीगते बरसात में, कँपकँपाते कड़ी ठंड में
सुबह से शाम तलक। 
 
मनाते हैं मज़दूर दिवस पर 
क्या मिलता है मज़दूर को सम्मान? 
क्या दे पाते हैं उसको इक दिन भी आराम? 
 
सम्मान करें उसके श्रम का, 
उसके श्रम का सही मूल्य देकर। 
बिना आनाकानी और मोल भाव किये
तभी वास्तव में सार्थक होगा ये मज़दूर दिवस। 

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