ज़िन्दगी की दास्तान

01-05-2024

ज़िन्दगी की दास्तान

दीपमाला (अंक: 252, मई प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

ज़िन्दगी तेरी भी अजीब दास्तान है
कभी बहुत मुश्किल तो, 
कभी बहुत आसान है। 
 
कभी देती है ढेरों ग़म
कभी देती मुस्कान है। 
कभी रुलाती है बहुत
कभी कर देती हैरान है। 
 
कभी खड़ा कर देती उस मोड़ पर
जहाँ न सूझता कोई रास्ता
कभी कभी लगता है कि
हर मोड़ आसान है। 
 
कभी लेती है इम्तिहान इतने कड़े
कि पास होना लगता नामुमकिन सा
कभी लगता है जैसे
अपना पेपर बड़ा आसान है। 
 
ऐसे ही चलाते रहना धीरे धीरे
ना दौड़ाना मुझको तेज़
चौकन्ना रहना होगा राह में
क्योंकि हर डगर अनजान है। 

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