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शैली (अंक: 240, नवम्बर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

पूर्ण चन्द्रमा
राहु की क़ैद में
मुक्ति को आतुर 
विकल है
व्यग्रता में
श्याम उसका
वदन है
कौमुदी उदास
कुम्हलाई किरनें 
आकाश चुप है 
ढेर सारे सितारे 
चाँद की खोज में 
टिमटिमाते 
सजग हैं। 

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