शैली
लखनऊ, उत्तर प्रदेश से हूँ। कला से प्रेम है, चित्रकारी के साथ ग्राफ़िक्स भी बनाती हूँ, परन्तु समस्त भावों, विचारों को चित्र कहाँ उकेर सकता है, अतः लेखन बाध्यता बन जाता है... भावना के ज्वार जब आंदोलित हो छलक जाते हैं, तो रचना के रूप में काग़ज़ पर बिखर जाते हैं।
लेखक की कृतियाँ
- कविता
-
- अप्रतिहत
- अमृत जयन्ती तक हिन्दी
- आराधना
- उचित क्या है?
- एकता का बंधन
- क्वार का मौसम सुहाना
- खोज
- ग्रहण में 'शरतचंद्र'
- चाँद पर तीन कवितायें
- जलता यूक्रेन-चहकते चैनल
- जादू की परी?
- जाने क्यूँ?
- डिजिटल परिवार
- त्रिशंकु सी
- दिवाली का आशय
- देसी सुगंध
- द्वंद्व
- पिता कैसे-कैसे
- प्यौर (Pure) हिंदी
- प्राचीन प्रतीक्षा
- फ़ादर्स डे और 'इन्टरनेटी' देसी पिता
- फागुन बीता जाय
- फागुनी बयार: दो रंग
- माँ के घर की घंटी
- ये बारिश! वो बारिश?
- विषाक्त दाम्पत्य
- शब्दार्थ
- साल, नया क्या?
- सूरज के रंग-ढंग
- सौतेली हिंदी?
- हिन्दी दिवस का सार
- होली क्या बोली
- हास्य-व्यंग्य कविता
- किशोर साहित्य कविता
- कविता-ताँका
- सिनेमा चर्चा
- सामाजिक आलेख
- ललित निबन्ध
- विडियो
- ऑडियो
-