एक नई सोच
ममता मालवीय 'अनामिका'न कोस अपनी क़िस्मत को,
क्यों तुझे दर्द मिला।
तू क़ाबिल अगर होगा ,
तो क़िस्मत को देगा हरा।
बस छोड़ दे उन नुमाइंदो को,
जो तेरे क़ाबिल नहीं।
रख भरोसा ख़ुद पर,
तू पाएगा कुछ नया।
देगा ख़ुदा वही ,
जिसका तू सही हकदार है।
बस सब्र का दामन थाम,
अपने कर्म करता जा।
न कोस अपनी ज़िंदगी को,
क्यों तुझे धोखा मिला।
तू क़ाबिल अगर होगा तो,
ख़ुद भरोसे का महल देगा बना।
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