द्वारिका में बस जाओ

01-03-2023

द्वारिका में बस जाओ

अंकुर सिंह (अंक: 224, मार्च प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

वृंदावन में मत भटको राधा, 
बंसी सुनने तुम आ जाओ। 
कान्हा पर ना इल्ज़ाम लगे, 
फिर तुम उसकी हो जाओ॥
 
रुक्मिणी, सत्या, जामवंती संग
तुम द्वारिका में बस जाओ। 
छोड़ आया तुझे तेरा कान्हा, 
ऐसा इल्ज़ाम ना लगाओ॥
 
पूछो हाल ज़रा कान्हा का, 
जो सुन राधा तड़प उठे॥
वो धुन कहाँ अब बंसी में, 
जो राधा प्रेम में बज उठे॥
 
राधा राधा कान्हा पुकारे, 
तुम हो कान्हा की प्यारी। 
तुम वृंदावन में, 
रुक्मिणी महल में, 
फिर भी तुम राधा रानी॥
 
वृंदावन में राधा मत भटको, 
अधर प्रेम पूर्ण कर जाओ। 
जग की चिंता छोड़ तुम राधा, 
अब मेरी द्वारिका में बस जाओ॥

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