एक नई सोच

01-01-2020

एक नई सोच

ममता मालवीय 'अनामिका' (अंक: 147, जनवरी प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

न कोस अपनी क़िस्मत को,
क्यों तुझे दर्द मिला।
तू क़ाबिल अगर होगा ,
तो क़िस्मत को देगा हरा।


बस छोड़ दे उन नुमाइंदो  को,
जो तेरे क़ाबिल नहीं।
रख भरोसा ख़ुद पर,
तू पाएगा कुछ नया।


देगा ख़ुदा वही ,
जिसका तू सही हकदार है।
बस सब्र का दामन थाम,
अपने कर्म करता जा।


न कोस अपनी ज़िंदगी को,
क्यों तुझे धोखा मिला।
तू क़ाबिल अगर होगा तो,
ख़ुद भरोसे का महल देगा बना।

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता
स्मृति लेख
चिन्तन
कहानी
ललित निबन्ध
लघुकथा
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में