जितेन्द्र 'कबीर'
जितेन्द्र कुमार
गाँव नगोड़ी, डाक घर- साच, तहसील व ज़िला चम्बा, हिमाचल प्रदेश
शिक्षा: एम ए हिंदी
सम्प्रति: अध्यापक
लेखक की कृतियाँ
- कविता
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- अंत में सब बराबर
- अतिवाद का रंग लाल
- अनमोल नियामतें
- अपना एक घर
- अपने हिस्से का नरक
- अल्फ़ाज़
- आपसी सहयोग
- आभासी बेड़ियाँ
- इंसान का दिमाग़ी विलास
- ईश्वर क्या है?
- उनका आना और जाना
- एक अज़ीम उपलब्धि
- करवा चौथ का अनुपम त्यौहार
- कितना मुश्किल है गाँधी बनना
- किस मुग़ालते में हो?
- कुछ व्यवहारिक बातें
- कैसे एतबार करें किसी का
- कोरोना के चलते
- कौन है अच्छा इंसान?
- क्या हमने पा लिया है?
- गहराई में उतरे बिना
- चिरयुवा
- चुनाव जब आते हैं
- चुनौती से कम नहीं
- जो कम लोग देख पाते हैं
- जो सबसे ज़रूरी है
- जो हम कहते नहीं
- तुमसे मुलाक़ात...
- तुम्हारा असर है इस क़द्र
- तोड़ा क्यों जाए?
- दुनियादारी
- दुनियादारी की बात
- दोगला व्यवहार
- नसीब का लिखा
- परोपकार का मूल्य
- पुराना वक़्त लौट आए तो अच्छा है
- प्रेम पथिक
- प्रेम रहेगा हमेशा
- प्रेम हमेशा रहेगा
- बदनसीब लोग
- भविष्य की नाहक़ चिन्ता
- मेरा प्यार आया है
- मेरे ख़्याल तेरे गुलाम
- मौत की विजय
- विचारधारा की रेल
- विरोध के स्वप्न और इंसानी कायरता
- शिक्षा का हाल
- सच्चाई से पलायन
- सबसे ख़तरनाक ज़हर
- सभ्यता का कलंक
- समाज की चुप्पी
- सुनो स्त्री . . .
- सोच कर देखो
- हमेशा के लिए कुछ भी नहीं
- हर बार की तरह
- होगी मेरी ख़ुशनसीबी
- ख़ामोशियाँ बोलती हैं
- हास्य-व्यंग्य कविता
- विडियो
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- ऑडियो
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