बेटी

संजय वर्मा 'दृष्टि’ (अंक: 200, मार्च प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

बेटी होती विदा 
मन परेशान है 
घर होगा तेरे बिन सूना 
आँखें आज हैरान है। 
 
दिल का टुकड़ा छूटा 
आँगन बेजान है 
कोई आवाज़ आती नहीं 
दस्तक बेजान है। 
 
तेरे बिना बहते नयन 
मन अब उदास है 
पायल की आवाज़ आती नहीं 
अंगना भी उदास है।

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