बदला
प्रभुदयाल श्रीवास्तवसूरज के ज़ुल्म से
घबराकर
पेड़ के नीचे
छुपी सिकुड़ी
सिमटी छाया ने कहा
यह मुआ पेड़
बीच में आ गया
अन्यथा मज़ा चखाती
उस दुष्ट सूरज को।
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