चलना है अबकी बेर तुम्हें
प्रभुदयाल श्रीवास्तवबच्चो बनना है शेर तुम्हें।
यह देश रहा है टेर तुम्हें।
सच्चाई ईमान लाना है।
अब भ्रष्टाचार मिटाना है।
जो करें देश से गद्दारी,
अब उन्हें जेल भिजवाना है।
बनना है वीर दिलेर तुम्हें।
यह देश रहा है टेर तुम्हें।
तुम सच्चे सेवक भारत के।
लेखक हो नई इबारत के।
तुम बनों नीव के पत्थर अब,
भारत की नई इमारत के।
ना करना होगी देर तुम्हें
यह देश रहा है टेर तुम्हें।
कुछ लोग चले, चल ना पाये।
जो चाहा था, कर ना पाये।
पथ पर थोड़े से काँटे थे।
डर गये कदम वापस आये।
चलना है अबकी बेर तुम्हें।
यह देश रहा है टेर तुम्हें।
सच कभी मार ना खा पाये।
ईमान हारने ना पाये।
साहस के सोते फूट पड़ें,
सागर खुद मिलने आ जाये।
हटवाना हर अँधेर तुम्हें।
यह देश रहा है टेर तुम्हें।
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