साँसें 

01-03-2022

साँसें 

संजय वर्मा 'दृष्टि’ (अंक: 200, मार्च प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

तुम बिन 
फूल
बिखर जाने की बात करता 
बरसती बूँदों से 
सौंधी ख़ुश्बू की बात कहता 
गरजती बिजलियों से
बादल अब क्यों डरता 
याद करता जब अपना 
तब आँखों से आँसू झरता 
अब न जाए कोई 
ये दिल धड़कता है 
साँसेंं कहती 
ख़ुश्बू सा कोई महकता है 

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