आसमान की चादर ताने बिखरे टिमटिम-झिलमिल तारे। जैसे फूल खिले बगिया में वैसे खिलते हैं ये सारे। सब सो जाते हैं जब थककर ओस तभी बिखराते तारे। हुआ सवेरा सूरज निकला चुपके-से खो जाते सारे।