विश्वगुरु का पद रिक्त है
अनीता श्रीवास्तव
ए:
आप इंटरव्यू के लिए आए हैं?
बी:
जी!
ए:
जानते भी हैं? यह पद कितना बड़ा और महत्त्वपूर्ण है!
बी:
जी। जानता हूँ। मैंने सदा अपनी नज़र बड़े और महत्त्वपूर्ण पदों पर ही रखी है।
ए:
देखिए आपके देश में भ्रष्टाचार बहुत है। इसलिए आपको वादा करना होगा कि जो भी कहेंगे सच कहेंगे।
बी:
जी हम तो वादा करने में एक्सपर्ट लोग हैं। हमारे कंट्री में इसकी बड़ी वेल्यू है। अभी-अभी चुनाव हुआ है तो हमारा अनुभव और रिकॉर्ड दुनिया ने देखा ही है।
ए:
तो शुरू करें?
बी:
जी।
ए:
आपके रिटिन में फुल मार्क्स हैं। ये कैसे हुआ? कितने दिन पहले से आपने तैयारी शुरू कर दी थी?
बी:
दो दिन पहले।
ए:
वह कैसे? इतना बड़ा कमाल आपने दो दिन में कैसे कर दिया!
बी:
पेपर लीक वालों ने दो दिन पहले ही पेपर दिया और उत्तर रटवाए।
ए:
ये आप क्या कह रहे हैं? हमने परीक्षा एक नम्बर में कराई है कोई पेपर वेपर लीक नहींं किया गया। आपकी बातों के कारण हमें परीक्षा रद्द करनी पड़ सकती है।
बी:
आपसे हमें यही उम्मीद थी। आपने अभी जो कहा है, बस उसीको दोहराते रहिए। कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
(अगले दिन)
ए:
हमारे पास पूरी दुनिया से शिकायतें आ रहीं हैं। विश्व भर का मीडिया प्रश्न पूछ रहा है।
बी:
जी महोदय, आप वही कहते रहिए जो कल मुझसे कह रहे थे।
ए:
मगर पेपर लीक कराने वाले ने ख़ुद पब्लिक डोमेन में आ कर क़ुबूल किया है कि उसने बड़ी रक़म ले कर विश्वगुरु की परीक्षा का पर्चा लीक किया है।
बी:
उसको विक्षिप्त घोषित करा दीजिए। आपके धुर विरोधी देशों द्वारा ‘फँसाने की चाल’ भी कह सकते हैं, जो कि आपने अब तक नहींं कहा।
ए:
देखो, बच्चे (अन्य देश) सड़कों पर निकल कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
बी:
करने दीजिए। जल्दी ही वे थक जाएँगे। पढ़ते-पढ़ते पहले ही उनका तेल निकल चुका है। आप तब तक ध्यान कीजिए।
(ए को रोना आ रहा है।)
पूरी दुनिया कह रही है परीक्षा निरस्त करो। ज़िम्मेदारी लो। डायरक्टर को सस्पेंड करो। बेईमानों को जेल भेजो। क्या करे! बेचारा ए!
फ़िलहाल विश्वगुरु का पद रिक्त पड़ा है!
0 टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
- हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
-
- बेशर्म इंसान . . . सर्वश्रेष्ठ कृति
- अच्छे संस्कार
- अथ मुर्दा सम्वाद
- अब मैंने अपना अख़बार निकाला
- अमरता सूत्रम समर्पयामी
- उल्लू होने की कामना
- कुछ ख़ास नहीं . . .
- कोरोना बनाम (को) रोना
- क्या आपने निंदा रस की डोज़ ली?
- चुगली की गुगली
- जब पुराना वर्ष जाने से इनकार कर दे
- टाइम पास
- नेतागिरी करते बादल
- बड़े भाईसाब की टेंशन
- बत्तोरानी की दो बातें
- बिच्छारोपन का शिकार एक पौधा
- ब्यूटीफ़ुल बेईमान
- विश्वगुरु का पद रिक्त है
- शर्म संसद
- सोचने समझने के फ़ायदे
- होली प्लस महिला सशक्तिकरण
- ग़रीब की रजाई
- कहानी
- कविता
- लघुकथा
- गीत-नवगीत
- नज़्म
- किशोर साहित्य कविता
- किशोर साहित्य कहानी
- विडियो
- ऑडियो
-