उदास वक्त में मैंने
निर्मल सिद्धू
मूल लेखक - सुरजीत पात्र
मूल भाषा - पंजाबी
अनुवाद - निर्मल सिद्धू
उदास वक्त में मैंने अपनी डायरी न लिखी
सफेद कागज़ों पे मैंने मैली ज़िन्दगी न लिखी
लिखी किताब और आत्मकथा कहा उसको
पर उस किताब में भी अपनी जीवनी न लिखी
कोमल फूलों को जब भी कभी ख़त लिखा
तो अपने तपते हुये राहों की बात कभी न लिखी
चिराग़ लिखा बनाकर चिराग़ की मूरत
पर उस चिराग़ की किस्मत में रौशनी न लिखी
जो उड़ती जाए हवाओं में पक्षियों की तरह
बहुत मैंने लिखा पर ऐसी उड़ान ही न लिखी
बहुत जो लिखा गया, मैं भी वही लिखता रहा
वो बात जो थी आजतक अनलिखी न लिखी