शोहरत की दौड़ में

15-04-2023

शोहरत की दौड़ में

अजय अमिताभ 'सुमन' (अंक: 227, अप्रैल द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

तू भी क्या चीज़ है कि, 
दाम का गिला नहीं, 
शोहरत की दौड़ में, 
थे सब तू हिला नहीं। 
 
कुछ सौदे के पीछे, 
मसौदे के पीछे, 
कुछ रोज़ी और रोटी, 
घरौंदे के पीछे। 
 
कुछ ओहदे पर लड़ते, 
हदों पर झगड़ते, 
हाँ ओहदे की क़ीमत, 
है ख़ुद को रगड़ते। 
 
और तू है कि तुझको, 
ना काम की फ़िक्र है, 
सुकून फिर ये कैसा, 
तू क्यों बेफ़िक्र है? 
 
सियासत की दौड़ में थे, 
सब तू मिला नहीं, 
माजरा ये क्या है, 
बाज़ार में हिला नहीं? 

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