रोज़ी रोटी का ये झंडा 

01-02-2023

रोज़ी रोटी का ये झंडा 

अजय अमिताभ 'सुमन' (अंक: 222, फरवरी प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

विजयी विश्व है चंडा डंडा, 
ना लो रोटी से तुम पंगा, 
जो पंगा ले आफ़त आए, 
सोते जगते शामत आए, 
ना कोई भी सूझे उपाए, 
चाहे कैसा भी हो धंधा, 
विजयी विश्व है चंडा डंडा,
ना लो रोटी से तुम पंगा।
  
उड़ते बाल बचे जो थोड़े, 
रोज़ी रोटी चले हथौड़े, 
रोटी ने माथे बम फोड़े, 
हौले हौले कर सब तोड़े, 
काम ना आए कंघी कंघा, 
माथे बन दिखता है चंदा, 
विजयी विश्व है चंडा डंडा, 
ना लो रोटी से तुम पंगा। 
 
रोज़ी रोटी सब मन भाए, 
ना खाए जो जी ललचाए, 
पर खाए तो जी जल जाए, 
यही ख़ुशी है यही है फँदा, 
विजयी विश्व है चंडा डंडा, 
ना लो रोटी से तुम पंगा। 
 
काम करे जो भी पछताए, 
बिना काम ना रहे उपाय, 
बुद्धि मंदी बंदा मंदा, 
विजयी विश्व है चंडा डंडा, 
ना लो भाई इससे पंगा! 
ना लो भाई इससे पंगा!! 

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