किस अधिकार से? 

15-03-2023

किस अधिकार से? 

धर्मेन्द्र सिंह ’धर्मा’ (अंक: 225, मार्च द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

संध्या में मुस्कुराती वह, 
लहराती, शरमाती
विभिन्न प्रकार की हरकतों से
अपनी ओर आकर्षित कर . . . 
पुकार रही हो जैसे अपने गुलज़ार में, 
अलग क़िस्म की महक से भरपूर
अपनी चमक से आतुर करने में सक्षम . . . 
 
गुलाब, चमेली, बेला या अन्य
न जाने किस डाली का हिस्सा? 
अनजान वह, पूर्ण रूप से अनभिज्ञ . . . 
प्रयासरत था . . . 
तोड़ लेने की ख़ातिर . . . 
किन्तु! किस अधिकार से? 
 
यकायक पनप उठा . . . 
एक सुकोमल व्यक्तित्व
भीतर ही कहीं। 
थाम लिये जिसने आतुर हाथ। 
सफल हुआ वह . . . 
उस कुमुद की चमक को 
बरक़रार रख पाने में . . . 

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