इधर पुर में तो प्रदूषण बहुत है

15-06-2023

इधर पुर में तो प्रदूषण बहुत है

निहाल सिंह (अंक: 231, जून द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

1222    1222    122
 
इधर पुर में तो प्रदूषण बहुत है
चलो बस्ती वहाँ गुलशन बहुत है
 
हवेली तो नहीं रहने की ख़ातिर
अभी मिट्टी का इक ऑंगन बहुत है
 
वहाँ पर तितलियाँ भी तो मिलेंगी
चलो खेतों में तुम उपवन बहुत है
 
गले हॅंसकर लगा लो तुम क़ज़ा को
अभी जीवन में तो उलझन बहुत है

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें