स्मृतियों में हार्वर्ड


मैं हार्वर्ड के जिस अपार्टमेंट में एक साल रहा, वह कॉनकॉर्ड एवेन्यू पर स्थित था। यह एवेन्यू कैंब्रिज सिटी का मुख्य रास्ता था। इसका नाम उस छोटे से शहर (वास्तव में, यह एक बड़ा गाँव है) से लिया गया है, जो हार्वर्ड से कार द्वारा लगभग आधे घंटे की दूरी पर है। कॉनकॉर्ड अमेरिकी इतिहास, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण नाम है। यह स्वतंत्रता संग्राम का मुख्य केंद्र था। स्वतंत्रता संग्राम के समय यह सबसे उत्तेजक और निर्णायक स्थान था। यह वह जगह है, जहाँ थोरो, एमर्सन और हॉथोर्न रहते थे।

मैंने लेक्सिंगटन और कॉनकॉर्ड के चारों ओर घूमने में दो पूरे दिन बिताए थे। कॉनकॉर्ड से पहले लेक्सिंगटन आता है। दोनों छोटे क़स्बे हैं। कॉनकॉर्ड ज़्यादा प्रसिद्ध है।

कॉनकॉर्ड अमेरिका की स्वतंत्रता संग्राम की पवित्र भूमि है। पिल्ग्रिम फ़ादर इंग्लैंड से यहाँ आए थे और मैसाचुसेट्स में न्यू इंग्लैंड नामक उपनिवेश की स्थापना की थी। नई सभ्यता, नई संस्कृति और नए समाज की स्थापना की गई थी। हार्वर्ड जैसे विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। यहाँ का भूगोल ब्रिटिश द्वीपों से अलग था, लेकिन ब्रिटेन के शहरों और क़स्बों के नाम पर इन इलाक़ों का नामकरण किया गया है। उदाहरण प्लायमाउथ, कैम्ब्रिज, ऑक्सफ़ोर्ड, संडरलैंड, ग्लॉसेस्टर, वॉर्सेस्टर इत्यादि। इंग्लैंड के उच्च शिक्षित और दूरदर्शी लोगों ने समकालीन समाज और राजनीति के ख़िलाफ़ विद्रोह किया था और वे अमेरिका में आए थे। लेकिन उन्होंने अपने पुराने देश की स्मृति को जीवित रखने के लिए इन जगहों के नाम ऐसे रखे थे। इंग्लैंड का राजा प्रोटेस्टेंटिज़्म धर्म को मानता था, इसलिए वह इस नई उपनिवेश का धर्म बन गया और न्यू इंग्लैंड के पूरे क्षेत्र में व्याप्त हो गया था। उन्हें इस बात की संतुष्टि थी कि उन्होंने पुरानी इंग्लैंड की प्राचीन सभ्य परंपरा को नया रूप दिया था। अपने प्राचीन देश ने उन्हें त्याग दिया था इसलिए उन्होंने सभी पुरानी चीज़ों का नवीनीकरण किया था। यह प्रक्रिया केवल पुराने स्थानों के नए नाम देने तक ही सीमित नहीं थी। इंग्लैंड की सुगंध सारे सामाजिक आचरण, रीति-रिवाज़ों, शिक्षा (हार्वर्ड की शिक्षा प्रणाली, इंग्लैंड के दो प्रमुख विश्वविद्यालयों, जैसे ऑक्सफ़ोर्ड और कैम्ब्रिज पर आधारित थी) में पाई जाती थी। ऐसा कैसे नहीं होता? जो लोग उपनिवेश की स्थापना में अग्रणी थे, उनमें से ज़्यादातर कैम्ब्रिज और ऑक्सफ़ोर्ड के पुराने छात्र थे!!

किसी इतिहासकार ने कहा है, “इतिहास हमेशा एक त्रासदी है, नाटक नहीं।” यह कथन पूरी तरह से अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के लिए लागू होता है। उपनिवेश में रहने वाले लोगों का इंग्लैंड की रानी या राजा का विरोध करने का कोई मतलब नहीं था। उनका क्रांतिकारी रवैया धीरे-धीरे समय के साथ समाप्त हो गया था। इस प्रकार, इंग्लैंड के अधिकांश निवासियों में उपनिवेश के लोगों के लिए बहुत अधिक सहानुभूति और स्नेह था। वे आख़िर अपने लोग थे! इस प्रकार स्वतंत्रता संग्राम ज़रूरी नहीं था। ब्रिटिश प्रशासन्‌ और उपनिवेश के बीच रिश्ता तब तक अच्छा था, जब तक इंग्लैंड के राजा ने इस पर कुठाराघात नहीं किया था। इतिहासकारों का मानना है कि राजा और ब्रिटिश प्रशासन की दूरदर्शिता की कमी के कारण उपनिवेशवासी स्वतंत्रता संग्राम के लिए मजबूर हुए। स्वतंत्रता के घोषणा-पत्र में इंग्लैंड के राजा की अत्यंत कठोर भाषा में आलोचना की गई है। किंग जॉर्ज व्यक्तिगत स्तर पर एक स्नेही व्यक्ति थे। एलन बेनेट ने अपनी पुस्तक ‘मैडनेस ऑफ़ किंग जॉर्ज’ में उनकी विरोधाभासी मानसिकता को दर्शाया है। उनके द्वारा नियुक्त प्रधान मंत्री लॉर्ड नॉर्थ को बेनेट ने आलस्य-परायण और हठी के रूप में वर्णित किया था। संक्षेप में कहें, दोनों में दूरदर्शिता और नेतृत्व की कमी थी। जब उपनिवेशवासी कुछ हद तक विरोधी बन गए, तो उन्होंने यह पता लगाने की कोशिश नहीं की कि ऐसा क्यों हो रहा है और स्थिति का समाधान करने के लिए कौनसे क़दम उठाए जाएँ। इसके विपरीत, उस विद्रोह को दबाने के लिए कई कठोर कृत्य प्रयोग में लाए गए, जबकि वे इससे सम्बंधित नहीं थे। अटलांटिक महासागर के उस पार सेना भेजी गई। पिट द एल्डर, इंग्लैंड के पूर्ववर्ती युद्धकालीन नेता ने इसका विरोध किया था, जिन्हें बाद में लॉर्ड छैटम के नाम से जाना जाने लगा। उन्होंने इंग्लैंड के इस पदक्षेप का विरोध किया था। उन्होंने कहा, “अब खोने के लिए समय नहीं है; हर आंदोलन ख़तरों से भरा हुआ है। नहीं, जब मैं बोल रहा हूँ, तो निर्णायक क़दम उठाने होंगे।”

उसकी बात मान ली गई। उसके इस बयान के कुछ ही हफ़्तों बाद पूरे मैसाचुसेट्स (न्यू इंग्लैंड) क्षेत्र में स्थिति विस्फोटक हो गई। एक रिपोर्ट ब्रिटिश गवर्नर जनरल थॉमस गाग के पास आई कि मैसाचुसेट्स कांग्रेस और सुरक्षा समिति ब्रिटेन के विरोध के लिए तैयार हो रही हैं। ब्रिटेन के साथ युद्ध करने के उद्देश्य से हथियार एकत्र किए जा रहे हैं। सबसे दुखद बात थी कि गवर्नर की उपनिवेश के प्रति कोई विद्वेष नहीं था, उनकी पत्नी औपनिवेशिक अमेरिकन थी। लेकिन उन्हें हथियारों को ज़ब्त करने के निर्देश दिए गए थे।

जब यह समाचार मिला कि ब्रिटिश सेना युद्ध की तैयारी कर रही है, बोस्टन के प्राचीन नॉर्थ चर्च से ब्रिटेन को चेतावनी दी गई थी और उपनिवेशवासियों को संगठित होने का आह्वान किया गया। उपनिवेशवासियों के दो प्रसिद्ध नेताओं में विलियम डोयस और पॉल रिवर लेक्सिंगटन कॉनकॉर्ड में चारों तरफ़ घूमकर स्थानीय निवासियों को ब्रिटिश के ख़िलाफ़ लड़ने का आह्वान किया। लेक्सिंगटन में पहला संघर्ष और रक्तपात शुरू हुआ। इतिहासकारों का मानना है कि इतिहास में यह आज़ादी का पहला औपचारिक युद्ध था, जिसकी गूँज दुनिया भर में सुनाई पड़ी। जब ब्रिटिश सेना लेक्सिंगटन पहुँची, स्थानीय सेना (मिनिटमैन) लेक्सिंगटन कॉमन में इकट्ठी हुई थी। ब्रिटेन के सभी गाँवों में विलेज कॉमन होता है। उसी मॉडल को बाद में उपनिवेशवासियों ने अपनाया था। इस युद्ध में आठ उपनिवेशवासियों की बलि चढ़ी। ब्रिटिश सेना कॉनकॉर्ड की ओर बढ़ने लगी।

कॉनकॉर्ड लेक्सिंगटन से केवल 9 किलोमीटर दूर था। सड़क का नाम है बेटल रोड ट्रेल है, जहाँ पर कोलोनियल इन होटल सन्‌ 1716 में बनी हुई है, रास्ते में आती है। यह होटल 281 साल पुरानी थी, जब मैंने इसे देखा था। यह इन अब तक अपने मूल आकार में मौजूद है। मोनूमेंट स्ट्रीट थोड़ी देर बाद आती है, जो एमर्सन, थोरो, नथानियल, हॉथोर्न और एल्कोट जैसे कॉनकॉर्ड के प्रसिद्ध साहित्यकारों की यादें समाई हुई हैं। थोरो का वाल्डेन तालाब इस जगह से बहुत दूर नहीं है। रास्ते में पहले आता है–ओल्ड मानसे, जिसे राल्फ वाल्डो एमर्सन के दादा ने बनाया था। हॉथोर्न भी कभी यहाँ रहा करते थे। ओल्ड मानसे जाने के बाद मैं सड़क के बाईं तरफ़ उत्तरी ब्रिज पर आया, जहाँ ब्रिटिश सेना को गंभीर झटका लगा था। मिनिटमैन कोई ख़ास सेना नहीं थी, उन्होंने अप्रचलित राइफ़लों का इस्तेमाल किया। लेकिन उनमें बहुत उत्साह था और वे लेक्सिंगटन में अपने आठ भाइयों की मौत का बदला लेना चाहते थे। ब्रिटिश सेना ने जल्दबाज़ी में पीछे हटने के लिए उनका मुक़ाबला नहीं किया। उत्तरी ब्रिज के दोनों किनारों पर भयंकर लड़ाई हुई थी। ब्रिटिश सेना के दो सौ चौहत्तर सैनिक मारे गए या घायल हो गए। वे कॉनकॉर्ड छोड़कर बोस्टन में अपने मुख्यालय में वापस जाने के लिए मजबूर हो गए। उत्तरी ब्रिज पर उन आठ मिनटमैन सैनिकों के सम्मानार्थ एक पत्थर की मूर्ति का निर्माण किया जा रहा है, जिन्होंने लेक्सिंगटन में अपने प्राण नयौछावर कर दिए थे। मूर्ति एक मिनटमैन की है, जिस पर ख़ुदा हुआ है ‘1775 अप्रैल 19’ जो अमेरिकी के स्वतंत्रता संग्राम का दिन था तथा ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ उनके संघर्ष का सबसे सफल दिन था। स्तंभ के दूसरी तरफ़ निम्नलिखित चार पंक्तियाँ अंकित की गई हैं:

“वे तीन हज़ार मील दूर आए और मर गए
अपने सिंहासन के अतीत को बनाए रखने के लिए;
सागर के ज्वार से परे, अनसुना
उनकी अंग्रेज़ी माँ ने उन्हें विलाप करवाया।”

मैंने एक दिन में लेक्सिंगटन और कॉनकॉर्ड के सभी महत्त्वपूर्ण स्थानों का दौरा किया था। इनमें युद्ध स्मारक और हॉथोर्न, एमर्सन और एल्कोट परिवार की समाधियाँ भी शामिल हैं। मैंने थोरो के वाल्डेन तालाब और आस-पास उनके छोटे घर का दौरा करने के लिए एक पूरा दिन अलग से रखा था। 

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