वो जो एक दिवाना है
निर्मल सिद्धूवो जो एक दिवाना है
दुनिया से बेगाना है
सब कुछ उसके हाथों में
फिर भी वो अन्जाना है
बातें यूँ लगती उसकी
जैसे नया तराना है
क़िस्से कहता है ग़म के
ख़ुशियों का अफ़साना है
जीवन सबका उसके बिन
ख़ाली ज्यों पैमाना है
दर्द भरी इस दुनिया में
वो ही एक ठिकाना है
'निर्मल' के वो संग रहे
बरसों का याराना है