पानी माँगे एटम बम

15-02-2021

पानी माँगे एटम बम

अजय अमिताभ 'सुमन' (अंक: 175, फरवरी द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

क्या जाति है क्या धर्म है,
क्या रूप है क्या है रंग,
कृष्ण यीशु में ना कोई अंतर,
कोरोना से सबकी जंग।
 
डरे सारे कोरोना से कि,
चेहरे पे भी लगा नक़ाब,
रोड साफ़ है हवा पाक पर,
घूमना हुआ नापाक।
 
चलना फिरना नापाक कि,
ईश्वर की है ऐसी तैसी,
ख़ुदा गॉड भी ग़ायब-शायब,
कोरोना की महिमा ऐसी।
 
ज्योतिष-प्योतिष, मुल्ला-टूल्ला,
कुछ भी नहीं क़ुबूल,
दवा, दारू, जादू, टोना, मंतर,
दुआ हुई फजूल।
 
कोरोना की महिमा चंद,
पानी माँगे एटम बम,
गुरुद्वारा व मस्जिद बन्द,
चर्च बन्द है टेम्पल बन्द।
 

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