अपनी भाषा आत्म ज्ञान का स्रोत गले लगायें
चाहते हम ज़ुबां-ज़ुबां पे हिन्दी पर हो कैसे
भूलेंगे जब अपने मतभेद फैलेगी हिन्दी
ध्वज हिन्दी का ऊँचा रहे हमेशा यत्न करें जो
होगी हर सू हिन्दी की जयकार सीखें जो बच्चे