सुदर्शन कुमार सोनी
शिक्षा : स्नातकोत्तर रसायन शास़्त्र में
जन्म स्थान : जबलपुर , मध्यप्रदेश
रुचियाँ : यात्रा, फोटोग्राफी , लेखन, रीडिंग
पूर्व प्रकाशित कृतियाँ : तीन कहानी संग्रह, दो व्यंग्य संग्रह व एक उपन्यास प्रकाशित।
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नजरिया (लघुकथा संग्रह) वर्ष 2010 में वैभव प्रकाशन भोपाल से प्रकाशित।
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यथार्थ (2011) (लघुकथा संकलन) जवाहर प्रकाशन मथुरा से प्रकाशित।
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जिजीविषा (2012 ) (लघुकथा संकलन) जवाहर प्रकाशन मथुरा से प्रकाशित।
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घोटालेबाज़ न होने का ग़म (व्यंग्य संकलन) वर्ष 2014 में अखिल भारती प्रकाशन दिल्ली से प्रकाशित।
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महंगाई का शुक्ल पक्ष (व्यंग्य संकलन) वर्ष 2016 में बोधि प्रकाशन जयपुर से प्रकाशित।
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आरोहण (उपन्यास) वर्ष 2017 में इंद्रा प्रकाशन भोपाल से प्रकाशित ।
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अगले जनम मोहे कुत्ता कीजो (व्यंग्य संकलन) वर्ष 2018 में बोधि प्रकाशन जयपुर से प्रकाशित।
प्रमुख पत्र पत्रिकाओं व समाचार पत्रों में निरंतर व्यंग्य रचनाओं का प्रकाशन। आकाशवाणी भोपाल से समय समय पर व्यंग्य व लघुकथाओं का प्रसारण।
मंजुल साहित्य ग्रुप द्वारा लघुकथा ’अध्यवसाय’ का शिलांग में पाठन।
अन्य :
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मंजुल साहित्य ग्रुप द्वारा लघुकथा ’अध्यवसाय’ का शिलांग में पाठन।
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भोपाल के साहित्यिक संगठन ’भोजपाल साहित्य संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष व अनेक साहित्यिक संस्थाओं जैसे प्रभात साहित्य परिषद , राष्ट्र भाषा प्रचार समिति भोपाल आदि से सक्रिय जुड़ाव, रचनाओं का पाठन।
पुरस्कार : व्यंग्य संकलन ’महंगाई का शुक्ल पक्ष’ व उपन्यास ’आरोह’ को वर्ष 2016 व 2017 में क्रमशःअंबिका प्रसाद दिव्य प्रशस्ति पत्र प्रदत्त।
सम्प्रति : वर्तमान में मध्यप्रदेश शासन में संयुक्त आयुक्त के रूप में भोपाल में पदस्थ।
लेखक की कृतियाँ
- हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
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- एनजीओ का शौक़
- अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद प्रशिक्षण व शोध केन्द्र
- अगले जनम हमें मिडिल क्लास न कीजो
- अन्य क्षेत्रों के खिलाड़ियों के गोल्ड मेडल
- असहिष्णु कुत्ता
- आप और मैं एक ही नाव पर सवार हैं क्या!
- आम आदमी सेलेब्रिटी से क्यों नहीं सीखता!
- आर्दश आचार संहिता
- उदारीकरण के दौर का कुत्ता
- एक अदद नाले के अधिकार क्षेत्र का विमर्श’
- एक रेल की दशा ही सारे मानव विकास सूचकांको को दिशा देती है
- कअमेरिका से भारत को दीवाली गिफ़्ट
- कुत्ता ध्यानासन
- कुत्ता साहब
- कोरोना मीटर व अमीरी मीटर
- कोरोना से ज़्यादा घातक– घर-घर छाप डॉक्टर
- चाबी वाले खिलौने
- जनता कर्फ़्यू व श्वान समुदाय
- जियो व जीने दो व कुत्ता
- जीवी और जीवी
- जेनरेशन गैप इन कुत्तापालन
- टिंडा की मक्खी
- दुख में सुखी रहने वाले!
- धैर्य की पाठशाला
- नयी ’कोरोनाखड़ी’
- नये अस्पताल का नामकरण
- परोपकार में सेंध
- बेचारे ये कुत्ते घुमाने वाले
- भगवान इंसान के क्लासिक फर्मे को हाईटेक कब बनायेंगे?
- भोपाल का क्या है!
- भ्रष्टाचार व गज की तुलना
- मल्टीप्लेक्स और लुप्तप्रायः होता राष्ट्रीय चरित्र
- मार के आगे पति भी भागते हैं!
- मुर्गा रिटर्न्स
- युद्ध तुरंत बंद कीजो: श्वान समुदाय की पुतिन से अपील
- ये भी अंततः गौरवान्वित हुए!
- विज्ञापनर
- विदेश जाने पर कोहराम
- विवाद की जड़ दूसरी शादी है
- विश्व बैंक की रिपोर्ट व एक भिखारी से संवाद
- शर्म का शर्मसार होना!
- श्वान कुनबे का लॉक-डाउन को कोटिशः धन्यवाद
- संपन्नता की असमानता
- साम्प्रदायिक सद्भाव इनसे सीखें!
- सारे पते अस्पताल होकर जाते हैं!
- साहब के कुत्ते का तनाव
- सूअर दिल इंसान से गंगाधर की एक अर्ज
- सेवानिवृत्ति व रिटायरमेंट
- हाथियों का विरोध ज्ञापन
- हैरत इंडियन
- क़िला फ़तह आज भी करते हैं लोग!
- आत्मकथा
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- सत्य पर मेरे प्रयोग: महात्मा गाँधी जी की आत्म कथा के अंश - 1 : जन्म
- सत्य पर मेरे प्रयोग: महात्मा गाँधी जी की आत्म कथा के अंश - 2 : बचपन
- सत्य पर मेरे प्रयोग: महात्मा गाँधी जी की आत्म कथा के अंश - 3 : पतित्व
- सत्य पर मेरे प्रयोग: महात्मा गाँधी जी की आत्म कथा के अंश - 4 : हाईस्कूल में
- सत्य पर मेरे प्रयोग: महात्मा गाँधी जी की आत्म कथा के अंश - 5 : दुखद प्रसंग
- सत्य पर मेरे प्रयोग: महात्मा गाँधी जी की आत्म कथा के अंश - 6 : चोरी और प्रायश्चित
- लघुकथा
- विडियो
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- ऑडियो
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