लड़का सरकारी चाहिए
रितेश इंद्राश
लड़का सरकारी चाहिए
जिसको बँगला, गाड़ी चाहिए
लड़कियों को तो बस मालिकिन बनना है
बाप न महतारी चाहिए
आज़ादी के नाम का रोग है सबको
ज़िम्मेदारी नहीं बस पैसों की फुलवारी चाहिए
माँ बाप भी लगे रहते हैं पैसा जुटाने में
क्योंकि दामाद उनको सरकारी चाहिए
बेरोज़गारी में लड़कों की टूट जाती है शादी
क्योंकि लड़की को लड़का सरकारी चाहिए
तोड़ देते हैं रिश्ता मझधार में लोग
लड़की सरकारी है तो लड़का सरकारी चाहिए
घड़ी, अँगूठी, सीकड़, बँगला, गाड़ी चाहिए
लड़का सरकारी चाहिए॥