छोटा कमरा शहर का

15-09-2024

छोटा कमरा शहर का

रितेश इंद्राश (अंक: 261, सितम्बर द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

छोटा कमरा शहर का न भाता रहा 
मेरा गाँव मुझे हर पल याद आता रहा
 
जुगनुओं सा शहर में मैं जलता रहा
मोम सा हर दिन पिघलता रहा
 
धुलने को बरतन जब मैं उठाता कभी
माँ की चूड़ियों का खनकना याद आता रहा
 
बुरा सपना रात भर जगाता रहा
माँ का थपकियाँ देना मुझे याद आता रहा
 
जब हवा मुझको छूकर निकलती कभी
गाँव का बरगद मुझे याद आता रहा
 
शहर का दीपक जब कभी जाता रहा
भूत का डर हमेशा सताता रहा
 
जब अपना मिला इस शहर में कोई
मेरा गाँव मुझे हर पल याद आता रहा। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें