बेटियों से निवेदन
जितेन्द्र मिश्र ‘भास्वर’पाल पोसकर जिसने तुमको बड़ा किया।
पढ़ा-लिखाकर पैरों पर है खड़ा किया।
ऐसे मातु-पिता की बातें मानो तुम।
जो समाज में घटित हो रहा जानो तुम।
मातृ शक्तियो तुम्हें सजग रहना होगा।
अत्याचार नहीं तुमको सहना होगा।
सोच समझ कर आगे पग धरना होगा।
रणचंडी बन असुरों से लड़ना होगा।
रणचंडी बन असुरों से लड़ना होगा॥