टाइमपास रहा मैं
आशीष तिवारी निर्मलसच कहता हूँ तेरे पास रहा मैं,
पर कभी न तेरा ख़ास रहा मैं।
बाहर से हँसता ही रहता हरदम,
अंदर ही अंदर उदास रहा मैं।
ख़ामोश हो गया हूँ अब तो ऐसे,
जैैसे मरघट में कोई लाश रहा मैं।
मेरी भावनाओं की कोई क़द्र न की
तेरे लिए महज़ टाइमपास रहा मैं।
कटी उम्र आधी शेष सफ़र है आधा
अब भी क्या ख़ाक तलाश रहा मैं।