दुनिया है तलवार दुधारी
आशीष तिवारी निर्मलसीख ले दुनियादारी निर्मल
जंग पड़ी है सारी निर्मल।
दुनिया वालों से क्या बतलाना
अपनी हर लाचारी निर्मल।
सँभल के रहना पल-प्रतिपल
दुनिया है तलवार दुधारी निर्मल।
मन में है विश्वास तो इक दिन
जीतेगा तू बाज़ी हारी निर्मल।
नोच खाने को सब आतुर हैं
मत रख सबसे यारी निर्मल।
खा जाएगी तुझको इक दिन
सच बोलने की बीमारी निर्मल।
बहकावे में आ के पागल मत बन
ख़ुद में रख थोड़ी होशियारी निर्मल।