रश्मि विभा त्रिपाठी ‘रिशू’ – 008
रश्मि विभा त्रिपाठी 'रिशू'
1.
इंस्टाग्राम पे
बिक रहा है प्यार
सस्ते दाम पे!
2.
अकेले जूझे!
किसी का दर्द अब
कोई न बूझे?
3.
मैं रात बनूँ
ताकि तुम चमको
बन जुगनूँ।
4.
है नहीं, पर
मुझमें ही रहता
वो कहीं पर।
5.
साथ तो छूटा
तेरी यादों का जी में
झरना फूटा।
6.
मत काँपना
तू अपने हिस्से का
नभ नापना।
7.
भोली मन की
प्रेरणा एक तुम
हो जीवन की!
8.
हुआ फ़रार
कहानियों में होगा
अब तो प्यार!
9.
मतलब है
प्यार के पीछे अब
क्या ग़ज़ब है!
10.
जीना आसान
जब मुहब्बत हो
दरमियान!
11.
है महफ़ूज
प्यार से ज़िन्दगी का
यह अरूज़।
12.
मिले दो दिल
डूबती-सी कश्ती को
मिला साहिल।
13.
जाती डगर
तुमसे तुम्हीं तक
जारी सफ़र!
14.
तलवे छिले
प्यार की सरहद
तो भी न मिले!
15.
तुम्हारा ध्यान
करूँ तो ही आ पाती
जान में जान!
16.
प्रेम की शर्त
मन सीधा-सरल
नहीं हो गर्त।
17.
प्रेम का राग
गाते-गाते लगे हैं
कितने दाग़!
18.
तुम्हारा नाम
नित नए आयाम
मुझे दे रहा!
19.
तुम्हारी बात
सुख की ये सौग़ात
सहेज ली है!
20.
जिसको चाहा
वो नीलामकर्ता था
मिला चौराहा!
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