सुनो तो मुझे भी ज़रा तुम
अमित राज श्रीवास्तव 'अर्श’122 122 122
सुनो तो मुझे भी ज़रा तुम
बनो तो मिरी शोअरा तुम
ये सोना ये चाँदी ये हीरा
है खोटा मगर हो खरा तुम
तिरा ज़िक्र हर बज़्म में है
सभी ज़िक्र से मावरा तुम
मिरी कुछ ग़ज़ल तुम कहो अब
ख़बर है हो नुक्ता-सरा तुम
मिलो भी कभी घर पे मेरे
करो चाय पर मशवरा तुम
थी ये दोस्ती कल तलक ही
हो अब 'अर्श' की दिलबरा तुम
17 टिप्पणियाँ
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20 Oct, 2021 11:28 PM
क़ाबिल तारीफ़
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20 Oct, 2021 11:27 PM
खूबसूरत ग़ज़ल
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20 Oct, 2021 11:20 PM
Bahut khub ghazal
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30 Aug, 2021 02:05 PM
Waah मिरी कुछ ग़ज़ल तुम कहो अब ख़बर है हो नुक्ता-सरा तुम
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25 Aug, 2021 03:55 PM
बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल
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1 Jul, 2021 03:22 AM
सुंदर शायरियां
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26 Jun, 2021 05:01 AM
बेहतरीन
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24 Jun, 2021 01:40 AM
Lazbab ghazal
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23 Jun, 2021 08:33 PM
बहुत ख़ूब
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22 Jun, 2021 12:02 PM
Lajwab ghazal mahoday
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17 Jun, 2021 05:12 PM
shandar ghazal sir
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15 Jun, 2021 11:00 PM
वाह वाह क्या बात है
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15 Jun, 2021 09:38 PM
मिरी कुछ ग़ज़ल तुम कहो अब ख़बर है हो नुक्ता-सरा तुम
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15 Jun, 2021 09:24 PM
Awesome
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15 Jun, 2021 01:39 PM
umda ghazal behatreen
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14 Jun, 2021 09:23 PM
बहुत ख़ूब
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14 Jun, 2021 02:16 AM
छोटी बह्र में बहुत ही लाज़बाब ग़ज़ल वाह
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