मेरे लिए ईमां आसां

01-06-2020

मेरे लिए ईमां आसां

महेशचन्द्र द्विवेदी (अंक: 157, जून प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

शबनमी बूँद का कमल के पत्ते पर ठहरना मुश्किल
हवा में एक सिहरन हुई और बूँद का गिरना आसां  

 

ताल की जलकुम्भी से मवेशी का निकलना मुश्किल
हरी घास की कशिश में,  होता उसका फँसना आसां

 

साँसें उनकी बख़्शीश उन्हें बताना जितना मुश्किल
उन्हें मुँह चुराते हुए उस पर हँसना उतना आसां

 

जुदाई का इक लम्हां बिताना मुझको जितना मुश्किल
सब्र का हर इम्तिहां लेना  उनके लिए उतना आसां

 

जो उनके लिए कुफ़्र आसां, तो मेरे लिए ईमां आसां
तर्केइबादत मुझे मुश्किल, तर्केमुहब्बत है उनको आसां 

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