रिश्तों की टूटन को कितना कम कर देता है
अश्विनी कुमार त्रिपाठी2222 2222 2222 2
रिश्तों की टूटन को कितना कम कर देता है
कुछ तो है जो मैं और तुम को हम कर देता है
मिलता हूँ तो हर पल उससे आँख चुराता हूँ
और तसव्वुर उसका आँखें नम कर देता है
पहले ज़ख्मी करता है कुछ अश्क बहाकर वो
अगले ही पल अश्कों को मरहम कर देता है
ग़म को दिल में पालो लेकिन इतना याद रहे
बीमारी से ज़्यादा बेबस ग़म कर देता है
धीरज रख सब देख रहा है वह ऊपर वाला
मेहनतकश को मेहनत का फल जमकर देता है
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