भाइयों की आपसी तकरार से डरने लगे हैं
अश्विनी कुमार त्रिपाठी2122 2122 2122 2122
भाइयों की आपसी तकरार से डरने लगे हैं
घर के आँगन आजकल दीवार से डरने लगे हैं
आप कहते थे मेरा किरदार आईने सा है अब
आप ही क्यूँकर मेरे किरदार से डरने लगे हैं
सीख ना पाए ज़रा भी जिस्म को तरजीह देना
इसलिए इस दौर में हम प्यार से डरने लगे हैं
सादगी पर आपकी जो जाँ लुटाते फिर रहे थे
वो सभी अब आपके शृंगार से डरने लगे हैं
जो न डरते थे कभी तलवार ख़ंजर गोलियों से
सुन रहा हूँ वो क़लम की धार से डरने लगे हैं
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