लिखता हूँ प्रेम
प्रांशु वर्मा
मैं कल्पना नहीं लिख सकता
मैं नहीं राजनेता
दार्शनिक भी नहीं
इतिहास बीत चुका था
मैं बाद में जन्मा
सबसे बाद में
किन्तु
जन्मा मेरे बाद मेरा प्रेम
मैं लिख सकता हूँ तो
केवल प्रेम
मैं कल्पना नहीं लिख सकता
मैं नहीं राजनेता
दार्शनिक भी नहीं
इतिहास बीत चुका था
मैं बाद में जन्मा
सबसे बाद में
किन्तु
जन्मा मेरे बाद मेरा प्रेम
मैं लिख सकता हूँ तो
केवल प्रेम