लिखता हूँ प्रेम

01-12-2024

लिखता हूँ प्रेम

प्रांशु वर्मा (अंक: 266, दिसंबर प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

मैं कल्पना नहीं लिख सकता
मैं नहीं राजनेता
दार्शनिक भी नहीं
इतिहास बीत चुका था
मैं बाद में जन्मा 
सबसे बाद में
किन्तु
जन्मा मेरे बाद मेरा प्रेम 
मैं लिख सकता हूँ तो
केवल प्रेम

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