लैपटॉप की बीमारी
डॉ. नीरू भट्टआख़िरकार लैपटॉप का अंग-प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ और अब वह पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ अपना काम कर रहा है।
लगभग तीन साल पहले एक बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान से उसे ख़रीदा गया। दिखने में सुन्दर, चमकदार, स्लिम बॉडी और काम भी उतनी ख़ूबसूरती से करता था। कुछ लिखना हो, गणित या सांख्यिकी की कोई समस्या हो या पॉवर पॉइन्ट, मिनटों में काम पूरा।
छह महीने पहले उसकी गति में थोड़ा कमी आई, बहुत सुस्त हो गया था। हमें लगा शायद उम्र बढ़ने से इम्यूनिटी कम हो गयी है। हम उसको डॉक्टर (टेक्नीशियन) के पास ले गए तो पता चला उसको बहुत सारे वाइरस ने संक्रमित कर दिया था। हालाँकि जब हमने ख़रीदा था तो उसका पूरा वेक्सीनेशन (एंटी वायरस) कराया था। उस वेक्सीनेशन की मियाद ख़त्म हो गयी थी और हमने ध्यान नहीं दिया। ख़ैर! उसका फिर से वेक्सीनेशन करवा कर हम घर आये।
कुछ दिन सब ठीक रहा, लेकिन फिर उसकी गति में कमी आ गयी और जल्दी-जल्दी उसकी ऊर्जा ख़त्म होने लगी। हमने खोला तो उसके पाचन तन्त्र में कुछ सूजन (इनफ्लमेशन) दिखाई दी। और अंग-प्रत्यारोपण के अलावा हमारे पास और कोई विकल्प नहीं था।