कुण्डलिया - अभिषेक श्रीवास्तव ‘शिवा’ - राखी
अभिषेक श्रीवास्तव ‘शिवा’
भाई बहन के प्रेम का, सूचक यह त्योहार।
आपस में दोनों यहाँ, सदा निभाओ प्यार॥
सदा निभाओ प्यार, द्वेष क्यों रखना मन में।
विपदा सभी पछाड़, आप बढ़ना जीवन में॥
कहत ‘शिवा’ कविराय, प्रेम की पाती आई।
रहे सदा ख़ुशहाल, बहन का प्यारा भाई॥