चलो बचपन जी कर आते हैं

01-10-2023

चलो बचपन जी कर आते हैं

अभिषेक श्रीवास्तव ‘शिवा’ (अंक: 238, अक्टूबर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

चलो हम फिर से वह बचपन जी कर आते हैं, 
चलो हम आज फिर से अजनबी बन जाते हैं, 
 
जहाँ नहीं था यूँ किसी दुनियादारी से मतलब, 
फिर हम साथ मिल कर गुड्डे गुड़िया सजाते हैं,
  
चलो फिर झूमें हम सावन-भादों की बारिश में, 
चलो हम फिर से काग़ज़ वाली कश्ती बनाते हैं
 
ये बचपन का जीवन ही सबसे निश्छल होता है, 
चलो फिर हम बारिश के पानी में भीग जाते हैं, 
 
ना कमाने की और न कोई टेंशन खाने की थी, 
चलो आज हम फिर वो बचपन जीकर आते हैं। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें