आपकी आदतों में हँसी चाहिए
अभिषेक श्रीवास्तव ‘शिवा’
212 212 212 212
आपकी आदतों में हँसी चाहिए
जी सकें हम जिसे ज़िन्दगी चाहिए
काम कोई बने या नहीं भी मगर
आज सबको यहाँ अफ़सरी चाहिए
रोज़ पेपर सभी लीक होते रहें
और सबको यहाँ ख़ामुशी चाहिए
सूख सी है गई आँख मेरी यहाँ
आँख में अब मुझे कुछ नमी चाहिए
सिर्फ़ दौलत ‘शिवा’ काम आती नहीं
साथ रखनी तुझे दोस्ती चाहिए