बेमायने बातों के अर्थ
धर्मपाल महेंद्र जैन
टर्मिनल के दक्षिणी कोने में
हँसी से चमकती तुम्हारी आँखों का
बेसब्री से इंतज़ार है
यह अलग बात है कि
उत्तरी दिशा में दौड़ते लोगों-सी
जल्दी नहीं है मुझे घर लौटने की।
टोरोंटो आईलैंड में डूबते सूरज ने
आकाश को रंग दिया है सुनहरा-लाल,
पूरब में उड़ते चकित पंछी
अपने रास्तों से भटक रहे हैं।
उन्हें मत छेड़ना अब।
दिन की चिल्लपों से थकी
रात का संगीत छेड़ती यह दिशा
थिरक रही है प्रेमियों संग
बातूनी, कुछ-कुछ कहे जा रही है।
मैं आँखें बंद किए
रास्ते को सुन रहा होता हूँ
कि वह क्या बात कर रहा है
तुम्हारे क़दमों से।
अभी बहुत दूर है चाँद
अटलांटिक आकाश में
तारे दिखते ही नहीं है।
हवा बहुत बेपरवाह-सी
तुम्हारे बालों को छेड़ती है
कि वह गा सके राग यमन
क्षण भर के लिए धरती
तुम्हारे होंठों-सी होना चाहती है
आकाश को चूमने के लिए।
मेरी बेमायने बातों के अर्थ
तुम्हारे होंठ जानते हैं।