आँखें
डॉ. कविता भट्टतुम्हें विदा कहते हुए
मेरी आँखों ने एक चिट्ठी लिखी
तुम्हारी आँखों के नाम,
तुम्हारी आँखों ने पढ़ी;
लेकिन आँसुओं से
उस लिखावट को धोने के बजाय
तुम्हारी आँखों ने
समेट लिया उन सन्देशों को
और जुदाई में आँसुओं से
एक-एक अक्षर पर
लाखों ग्रन्थ लिख डाले।