कभी तेरे कंधे पर बैठकर घूमा करते थे कभी तेरी गोदी में बैठकर क़िस्सा सुना करते थे कभी एक थाली में साथ खाते थे वो दिन कुछ अलग थे जब हम साथ रहा करते थे भाई मेरे, तेरे साये में हम कितने महफ़ूज़ रहा करते थे।