उसने अपने पर्स से निकाल दी है, मेरी तस्वीर और रसोई-घर में लगा दिये हैं ताले!
जिस दिन से, मैंने उसे कहा है - "मत किया करो, इतना शृंगार, कि देखकर तुम्हारी खूबसूरती, 'किचन' में जलने लगें रोटियाँ!"