डॉ. मनीष कुमार मिश्रा उज़्बेकिस्तान में खोज रहे हैं हिंदी की नई बोलियाँ
माना जाता है कि दूसरी शताब्दी के आस पास कुछ घुमंतू जातियाँ मध्य एशिया, अफ़्रीका, यूरोप और अमेरिका की तरफ़ गईं और अलग-अलग स्थानों पर रहने लगीं। समय के साथ इन्होंने अपनी मूल भाषा को खो दिया और स्थानीय भाषाओं को बोलचाल के लिए स्वीकार कर लिया। इन्हें मूल रूप से जिप्सी कहा जाता है।
मध्य एशिया के देश उज़्बेकिस्तान में भी ऐसे कई समुदाय रहते हैं। इन लोगों को यहाँ स्थानीय उज़्बेक भाषा में लोले या लोली कहा जाता है। इनके बीच भी कई समुदाय हैं जैसे कि अफ़गान, मुल्तान, पारया, जोगी, मजांग, क़व्वाल, चिश्तानी, सोहूतराश और मुगांत इत्यादि। ये सभी भारत से हैं या नहीं यह शोध का विषय है।
इस सम्बन्ध में विधिवत शोध कार्य न के बराबर हुए हैं। डॉ. भोलानाथ तिवारी ने ताशकंद रहते हुए… आगे पढ़ें
उज़्बेकिस्तान में एक दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद संपन्न
बुधवार, दिनांक 18 सितंबर 2024 को लाल बहादुर शास्त्री संस्कृति केन्द्र, ताशकंद, उज़्बेकिस्तान में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद की शुरूआत सुबह 10 बजे हुई। परिसंवाद का मुख्य विषय था “उज़्बेकिस्तान में हिंदी: दशा और दिशा।” इस परिसंवाद के उद्घाटन सत्र में अध्यक्ष के रूप में उज़्बेकिस्तान में भारत सरकार की राजदूत आदरणीय स्मिता पंत जी उपस्थित थीं। बीज वक्ता के रूप में वरिष्ठ हिंदी भाषाविद श्री बयोत रहमतोव और मुख्य अतिथि के रूप में ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ ओरिएंटल स्टडीज से डॉ. निलूफर खोजाएवा ऑनलाईन माध्यम से उपस्थित हुईं।
कार्यक्रम की शुरूआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके हुई। लाल बहादुर शास्त्री संस्कृति केन्द्र, ताशकंद के कल्चरल डायरेक्टर श्री सीतेश कुमार जी ने स्वागत भाषण देते हुए केंद्र की आगामी योजनाओं की भी चर्चा की। प्रस्ताविकी परिसंवाद संयोजक के रूप में डॉ. मनीष कुमार मिश्रा ने प्रस्तुत करते हुए सत्र का संचालन भी किया। मुख्य अतिथि… आगे पढ़ें
वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा का योगदान विषयक त्रि-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय हिंदी सम्मेलन संपन्न
त्रिनिदाद यात्रा से डॉ. गुर्रमकोंडा नीरजा की रिपोर्ट
हिंदी है हृदय की भाषा: रेणुका संग्रामसिंह सुखलाल
व्यावहारिक स्तर पर हिंदी अपनाएँ, सांस्कृतिक धरोहर को अंतरित करें: डॉ. प्रदीप राजपुरोहित
पोर्ट ऑफ़ स्पेन, त्रिनिदाद और टोबैगो। “त्रिनिदाद की जनता के लिए हिंदी हृदय की भाषा है। ऐसी हिंदी भाषा को तथा उसकी संस्कृति को सुनिश्चित रखना अनिवार्य है। भले ही यह कार्य कठिन है लेकिन असाध्य नहीं। त्रिनिदाद में बसा हुआ हर भारतीय मूल का परिवार अपनी संस्कृति और सभ्यता, विशेष रूप से अपनी भाषा हिंदी को सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष कर रहा है।”
माउंट होप, त्रिनिदाद में स्थित महात्मा गाँधी सांस्कृतिक सहयोग संस्था के सभागार में 6 से 8 सितंबर, 2024 तक भारतीय उच्चायोग, पोर्ट ऑफ़ स्पेन द्वारा आयोजित “त्रि-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय हिंदी सम्मेलन” का उद्घाटन करते हुए अटॉर्नी जनरल कार्यालय और क़ानूनी मामलों के मंत्रालय की मंत्री रेणुका संग्रामसिंह सुखलाल ने… आगे पढ़ें
अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन
साहित्य संकाय, त्रिपुरा विश्वविद्यालय, न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फ़ॉउंडेशन और सृजन ऑस्ट्रेलिया अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 14 अगस्त 2024 की शाम स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन का आयोजन किया गए।
प्रो. विनोद कुमार मिश्र, अधिष्ठाता, साहित्य संकाय, त्रिपुरा विश्वविद्यालय की अध्यक्षता में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. राजेश श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार की गरिमामय उपस्थिति रही।
न्यू मीडिया सृजन संसार ग्लोबल फ़ॉउंडेशन की संस्थापक निदेशक श्रीमती पूनम चतुर्वेदी शुक्ला के संयोजन में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन में 7 देशों के 12 रचनाकारों ने अपनी कविताओं का पाठ किया। इन रचनाकारों में मॉरीशस से डॉ. कल्पना लालजी ऑस्ट्रेलिया से प्रिया शुक्ला, इंदौर से सुषमा दूबे, श्रीलंका से वजिरा गुणसेन, क़ुवैत से डॉ. विनोद कौशिक, पटना से नूतन सिन्हा और पूनम आनंद, दरभंगा… आगे पढ़ें
बाल साहित्य के विविध आयाम (21जून, 2024) ऑनलाइन विचार-विमर्श
बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए बाल साहित्य लिखा जाना और पढ़ा जाना बहुत आवश्यक है: वरिष्ठ बाल साहित्यकार—नरेंद्र सिंह ‘नीहार’
अंतरराष्ट्रीय हिन्दी संगठन नीदरलैंड ने बाल साहित्य के फ़ेसबुक पेज “वर्ड ऑफ़ चिल्ड्रनस आर्ट एंड कल्चलर” के बाल साहित्य कार्यक्रम की मासिक शृंखला में 21जून 2024 को “बाल साहित्य के विविध आयाम” विषय पर ऑनलाइन विचार-विमर्श के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भारत के वरिष्ठ बाल साहित्यकार, समीक्षक, व दिल्ली में प्रवक्ता के रूप में कार्यरत श्री नरेन्द्र सिंह ‘नीहार’ ने वैश्विक स्तर पर उपस्थित दर्शकों व मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बाल साहित्य की अवधारणा को बड़ी कुशलता से अभिव्यक्त करते हुए कहा कि बच्चों कोमल मन को ध्यान में रख देश-साहित्य और संस्कृति को माध्यम बना कर बच्चों के लिए हम जो साहित्य लिखते हैं, उसी को बाल साहित्य माना जाता है।
… आगे पढ़ेंडेटा, डिज़िटल अर्थव्यवस्था का नया तेल है—बालेन्दु शर्मा दाधीच
ग्रेटर नोएडा (भारत), 17 जून, 2024: केंद्रीय हिंदी संस्थान, विश्व हिंदी सचिवालय, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद और भारतीय भाषा मंच के तत्त्वावधान में वैश्विक हिंदी परिवार ने दिनांक: 16 जून 2024 को एक विशेष संगोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया। इस संगोष्ठी में चर्चा का विषय था ‘कंप्यूटर और भाषा कार्यशाला: तकनीक की दुनिया में डेटा का रहस्यजाल’। उल्लेख्य है कि वैश्विक हिंदी परिवार, भाषा और विशेषतया हिंदी भाषा तथा इसके साहित्य के वैश्विक रूप से प्रचार-प्रसार के लिए स्वयंसेवी आधार पर एक अभियान को आंदोलन के रूप में परिवर्तित करने के लिए संकल्पित है। इसी संकल्प से अभिमंत्रित होकर यह संस्था हिंदी के विस्तारीकरण के लिए इसे अधुनातन तकनीक से जोड़ने के लिए प्रयासरत है तथा इसके कंप्यूटरीकरण की संभावनाओं पर विद्वानों के सुझावों और विचारों का साझा कर रही है।
दिनांक: 16 जून को आयोजित संगोष्ठी में ऐसे वक्ताओं को मंच पर आमंत्रित किया गया जिनकी… आगे पढ़ें
वातायन-यूके के वैश्विक मंच पर रूसी साहित्यकार—अंतोन चेखव के कथा-साहित्य पर एक संगोष्ठी का आयोजन
प्रख्यात प्रवासी साहित्यकार दिव्या माथुर के संयोजन में ‘वातायन-यूके’ के तत्त्वावधान में ‘विश्व साहित्य के नगीने’ शृंखला के अंतर्गत रूस के महान साहित्यकार अंतोन पावलविच चेखव की कहानियों पर सारगर्भित चर्चा की गई। इस वातायन संगोष्ठी-190 की प्रस्तोता थीं, ब्रिटेन की आईटी प्रोफ़ेशनल और लेखिका ऋचा जैन। पत्रकार, लेखक, अनुवादक और आलोचक—श्री आलोक श्रीवास्तव अध्यक्ष थे जबकि मुख्य अतिथि थीं, मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी की प्रो. ल्यूदमिला खोखलोवा। ध्यातव्य है कि दिनांक 27-04-2024 को इसी शृंखला के अंतर्गत चेखव की कहानियों पर पहले भी चर्चा की गई थी।
रूस की इंजीनियर और अनुवादक प्रगति टिपणीस ने सुश्री ऋचा जैन के साथ सह-वाचक के रूप में चेखव की दो कहानियों ‘एक बिना शीर्षक की कहानी’ और ‘बुढ़ापा’ का सस्वर पाठ किया। उल्लेखनीय है कि इन दोनों कहानी वाचकों ने ही इन कहानियों का अनुवाद भी किया था। ‘एक बिना शीर्षक की कहानी’ का अंग्रेज़ी से हिंदी में अनुवाद… आगे पढ़ें
वातायन-यूके प्रवासी संगोष्ठी-188 के अंतर्गत कथाकार नासिरा शर्मा जी के कथा-साहित्य पर विशद चर्चा
ग्रेटर नोएडा, 09 जून, 2024: ‘वातायन-यूके’ के तत्त्वावधान में दिनांक: 08 जून, 2024 को प्रख्यात साहित्यकार नासिरा शर्मा जी के साहित्यिक अवदान पर उन्हीं की उपस्थिति में एक महत्त्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। हिंदी राइटर्स गिल्ड और वैश्विक हिंदी परिवार के सहयोग से आयोजित वातायन परिवार की यह संगोष्ठी अत्यंत उपादेय रही क्योंकि इसमें कहानीकार, संपादक और आलोचक राकेश बिहारी जी के वक्तव्य में नासिरा शर्मा की कहानियों पर अत्यंत बारीक़ी से प्रकाश डाला गया। उन्होंने नासिरा जी के उपन्यासों पर संक्षिप्त टिप्पणियों के पश्चात उनकी चुनिंदा प्रतिनिधि कहानियों पर विस्तार से चर्चा की।
कैनेडा की ख्यातिलब्ध कथाकार डॉ. शैलजा सक्सेना और श्री राकेश बिहारी ने बताया की नासिरा जी का कथा-साहित्य मानवीय रिश्तों को जोड़ने की भूमिका का निर्वाह करता है। संगोष्ठी की सह-आयोजक डॉ. शैलजा ने कहा कि नासिरा जी की कहानियाँ मनुष्य में प्रेम की पुनर्वापसी की कामना करती हैं।
एक… आगे पढ़ें
वैश्विक हिंदी परिवार की समृद्ध संगोष्ठी: ‘विदेश में हिंदी नाटक’
ग्रेटर नोएडा, 3 जून 2024: वैश्विक हिंदी परिवार के तत्त्वावधान में दिनांक: 2 जून 2024 को जापान के ओसाका विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफ़ेसर और हिंदी साहित्यकार प्रो. तोमियो मिजोकामी की अध्यक्षता में ‘विदेश में हिंदी नाटक’ विषय पर एक महत्त्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी के आयोजन में विश्व हिंदी सचिवालय, केंद्रीय हिंदी संस्थान, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद, वातायन-यूके और भारतीय भाषा मंच का सम्मिलित सहयोग भी प्राप्त था। उल्लेख्य है कि वैश्विक हिंदी परिवार की ऐसी संगोष्ठियों में विश्व के कोई पचास देशों के साहित्यकार, चिंतक और बुद्धिजीवी भी शिरकत करते रहे हैं; इस कारण इन संगोष्ठियों के विशेष महत्त्व को साहित्यिक गलियारों में प्रमुखता से रेखांकित किया जाता है।
इस संगोष्ठी के आरंभ में, हिंदी साहित्यकार और कुशल मंच संचालक, अलका सिन्हा ने कहा कि आज इस मंच पर विदेशों में लिखे जाने वाले हिंदी नाटकों की दशा और दिशा तथा हिंदी रंगमंच… आगे पढ़ें
वातायन-यूके प्रवासी संगोष्ठी-174
टैगोर ने अपनी पहली कविता ब्रज भाषा में ही लिखी थी—अनिल शर्मा जोशी
लंदन: 31 मार्च, 2024: ‘बोलियों की मिठास और उनकी अकूत संपदा’ विषय पर दिनांक 30 मार्च, 2024 को साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था वातायन-यूके (लंदन) के तत्त्वावधान में वातायन-यूके संगोष्ठी-174 का ऑनलाइन आयोजन हुआ। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता की, सुप्रसिद्ध साहित्यकार और हिंदी प्रचारक श्री अनिल शर्मा जोशी ने जबकि वातायन संगोष्ठी की इस लोकगीत शृंखला-15 का सुविध और सुरुचिपूर्ण संचालन किया सिंगापुर साहित्य संगम की सुश्री आराधना झा श्रीवास्तव ने।
इस कार्यक्रम के प्रतिभागी वार्ताकार थे—लोकसाहित्य और नवगीत के हस्ताक्षर डॉ. जगदीश व्योम तथा आकाशवाणी की सुप्रसिद्ध पूर्व-उद्घोषिका तथा साहित्यकार सुश्री अलका सिन्हा। लोक साहित्य, लोक गीत, लोक भाषा और लोक जीवन के परिप्रेक्ष्य में यह संगोष्ठी अत्यंत दिलचस्प और ज्ञानवर्धक रही तथा ज़ूम, यूट्यूब, फ़ेसबुक एवं अन्य सोशल मीडिया के ज़रिए बड़ी संख्या में श्रोता-दर्शक इस कार्यक्रम से आद्योपांत जुड़े… आगे पढ़ें
प्रो. रेखा शिक्षण जगत की एक शख़्सियत हैं–अनिल शर्मा जोशी
(‘वातायन-यूके’ की 168वीं संगोष्ठी का आयोजन)
लन्दन, दिनांक 02-03-2024: ‘वातायन-यूके’ के तत्वावधान में दिनांक 02-03-2024 को इस वैश्विक मंच की 168वीं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी के अंतर्गत, दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय की पूर्व-कार्यकारी प्राचार्य और हिंदी साहित्य की यशस्वी साधक प्रो. रेखा सेठी के व्यक्तित्त्व और कृतित्त्व पर विशद चर्चा हुई।
लंदन की कवयित्री सुश्री आस्था देव ने मंच संचालन करते हुए प्रो. रेखा के सम्बन्ध में कहा कि उनकी साहित्य-साधना अनुकरणीय और प्रशंसनीय है। उनके साहित्यिक अवदान को साधारण शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता। मिर्ज़ा ग़ालिब के दिल्ली-स्थित मोहल्ले–बल्लीमारां के बिल्कुल क़रीब रहने वाली प्रो. रेखा ने आस्था देव की जिज्ञासा को शांत करते हुए बताया कि उनकी हिंदी में दिलचस्पी वर्ष 1982 में पैदा हुई जबकि वे एक क्रिश्चियन स्कूल की छात्रा थीं। उसके पश्चात, वे कॉलेज में प्रख्यात साहित्यकार इंदु जैन जी के सान्निध्य में… आगे पढ़ें
बैरोनेस श्रीला फ़्लैदर को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित
लंदन, 19 फरवरी 2024: साहित्यिक और सांस्कृतिक मंच ‘वातायन-यूके’ द्वारा दिनांक: 17-02-2024 को आयोजित 166 वीं संगोष्ठी में बैरोनेस (श्रीला) फ़्लैदर की दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वास्तव में, श्रीला फ़्लैदर अंतरराष्ट्रीय ख्याति की एक महत्त्वपूर्ण महिला थीं। वे वर्ष 2004 में स्थापित ‘वातायन-यूके’ की आरंभ से ही संरक्षक थीं। उल्लेख्य है कि उनकी महान उपलब्धियों पर विशद चर्चा करने के लिए ‘वातायन-यूके’ द्वारा उनके 90वें जन्मदिन के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम के आयोजन की रूपरेखा तैयार की जा रही थी; किंतु प्रारब्ध को यह मंज़ूर नहीं था और वे इसी 6 फरवरी को गोलोकवास कर गईं।
बैरोनेस एक ब्रिटिश-भारतीय राजनीतिज्ञ और शिक्षिका थीं, जिन्हें 2009 में प्रवासी भारतीय सम्मान भी मिला था। उन्होंने उन एशियाई लोगों के लिए ‘मेमोरियल गेट्स’ के निर्माण में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया था, जिन्होंने दो ऐतिहासिक विश्व युद्धों में अंग्रेज़ों के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी थी।… आगे पढ़ें
पंजाबी लोक साहित्य और संगीत
(वातायन-यूके प्रवासी संगोष्ठी-165; लोकगीत शृंखला-16)
लोकगीतों की मौखिक परंपरा रही है—डॉ. वनिता
लंदन, 21-01-2024: विश्व-प्रसिद्ध साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘वातायन-यूके’ के तत्त्वावधान में तथा प्रख्यात साहित्यकार दिव्या माथुर के संयोजन में, दिनांक 20 जनवरी 2024 को वातायन-यूके प्रवासी संगोष्ठी-165 का ऑनलाइन आयोजन किया गया। यह आयोजन लोकगीत शृंखला-16 के तहत पंजाबी लोक साहित्य और संगीत को समर्पित था तथा इसके प्रतिभागी गायक, चर्चाकार, वक्ता और विशेषज्ञ अपने-अपने क्षेत्रों के जाने-माने हस्ताक्षर थे। साहित्य अकादमी और पंजाब साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत, डॉ. वनिता ने इस संगोष्ठी की अध्यक्षता की जबकि पूरी संगोष्ठी के दौरान प्रतिष्ठित साहित्यकार इस संगोष्ठी की सूत्रधार डॉ. मधु चतुर्वेदी पंजाबी लोकगीत परंपरा के सम्बन्ध में अपने वक्तव्यों से श्रोता-दर्शकों का आद्योपांत ज्ञानवर्धन करती रहीं। संगोष्ठी भारतीय समयानुसार रात्रि 8:30 बजे से आरंभ होकर लगभग डेढ़ घंटे तक चली। संगोष्ठी का मुख्य आकर्षण था—डॉ. शिव दर्शन दुबे द्वारा गाए गए पंजाबी लोकगीत जिनमें शास्त्रीयता का… आगे पढ़ें
वातायन वैश्विक गोष्ठी–162
दो देश दो कहानियाँ (भाग-14)
लंदन, 31-12-2023: ‘वातायन-यूके’ के तत्वावधान में दिनांक 30 दिसंबर, 2023 को 162 वीं संगोष्ठी का आयोजन आभासी मंच पर किया गया। वर्ष 2023 की इस समापन संगोष्ठी को ‘दो देश दो कहानियाँ (भाग-14)’ के रूप में आयोजित किया गया। इसके अंतर्गत, अमेरिका की डॉ. कुसुम नैपसिक तथा भारत के शुभम नेगी ने अपनी-अपनी कहानियों का सुरुचिपूर्ण पाठ किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध कहानीकार और आलोचक श्री राकेश बिहारी ने की जबकि प्रवासी लेखिका डॉ. शैलजा सक्सेना इस संगोष्ठी की सूत्रधार थीं। वास्तव में, ‘दो देश दो कहानियाँ’ दो संस्थाओं नामत: ‘वातायन-यूके’ तथा ‘हिंदी राइटर्स गिल्ड-कनाडा’ की संयुक्त प्रस्तुति है जिसे कहानी विधा के रसिया पाठकों द्वारा खूब सराहा जाता है। हिन्दी साहित्य में ऐसी संगोष्ठी एक विशिष्ट प्रस्तुति के रूप में अभिलिखित किया जा रहा… आगे पढ़ें
हिंदी के सार्वभौमिकीकरण पर बल दिया जाए-संतोष चौबे (वातायन-संगोष्ठी-161)
लंदन, दिनांक 13-12-2023: वातायन-यूके के तत्वावधान में दिनांक 09 दिसंबर 2023 को वातायन संगोष्ठी-161 का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत, रविंद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे के साहित्यिक अवदान और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में उनके योगदान पर व्यापक चर्चा हुई। चर्चा के क्रम में उनके द्वारा वैश्विक आधार पर हिंदी साहित्य और हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में किए गए बहुमूल्य कार्यों को रेखांकित किया गया। उल्लेखनीय है कि इस संगोष्ठी का स्वरूप एक साक्षात्कार-संवाद के रूप में था जिसके अंतर्गत, ऑक्सफ़ोर्ड बिज़नेस कॉलेज के प्रबंध-निदेशक और जाने-माने प्रवासी साहित्यकार डॉ. पद्मेश गुप्त ने हिंदी के विस्तारीकरण के व्यापक परिप्रेक्ष्य में श्री संतोष चौबे से प्रश्न किए। अपने सहज-स्वाभाविक प्रत्युत्तरों में श्री चौबे का बल प्रवासी साहित्य, विदेशों में हिंदीतर छात्रों के हिंदी शिक्षण तथा विदेशों में हिंदी सीखने को सुकर बनाने के लिए प्रौद्योगिकियों के प्रचुर प्रयोग पर था। श्री संतोष चौबे ने सभी हिंदी विद्वानों,… आगे पढ़ें
लंदन में ‘भारोपीय हिंदी महोत्सव-2023’ का रंगारंग आयोजन: डॉ. मनोज मोक्षेंद्र
‘वातायन-यूके’, ऑक्सफ़ोर्ड बिज़नेस कॉलेज, यूके हिंदी समिति और वैश्विक हिंदी परिवार के तत्वावधान में दिनांक: 13 से 15 अक्तूबर, 2023 तक आयोजित होने वाला ‘भारोपीय हिंदी महोत्सव’ विदेश में आयोजित होने वाले हिंदी से संबंधित उत्सवों में एक अति महत्त्वपूर्ण आयोजन है तथा इसकी महत्ता अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलनों तथा विश्व हिंदी सम्मेलनों से किसी भी मायने में कमतर नहीं है। इसका एक प्रमुख कारण है, इसमें प्रतिभागिता करने वाले हिंदी के लब्ध-प्रतिष्ठित साहित्यकारों एवं हिंदी को अंतरराष्ट्रीय नभ पर आकाश गंगा की भाँति प्रवाहित करने वाले हिंदी के प्रबुद्धजनों का योगदान। इस इंद्रधनुषीय महोत्सव का आयोजन ऑक्सफ़ोर्ड बिज़नेस कॉलेज-ब्रेंटफोर्ड, लंदन में प्रस्तावित है।
हिंदी महोत्सव की सूत्रधार वर्ष 2004 में स्थापित ‘वातायन-यूके’ की संस्थापक और अध्यक्ष सुश्री दिव्या माथुर हैं जिन्होंने हिंदी से सम्बन्धित इस त्रि-दिवसीय हिंदी महोत्सव को रंगारंग कार्यक्रमों (इवेंट्स) से सज्जित करने का श्लाघ्य प्रयास किया है। ‘वातायन-यूके’ की ऊर्जस्व टीम के जुझारू… आगे पढ़ें
हिन्दी राइटर्स गिल्ड कैनेडा द्वारा डॉ. शैलजा सक्सेना ‘हिन्दी गौरव सम्मान-२०२३’ से सम्मानित
मिसिसागा (कैनेडा)
हिंदी राइटर्स गिल्ड कैनेडा की सह संस्थापिका डॉक्टर शैलजा सक्सेना को फरवरी, २०२३ में फिजी में आयोजित १२वें विश्व हिंदी सम्मेलन में “विश्व हिंदी सम्मान” मिला। उनको इस सम्मान के मिलने की घोषणा के साथ ही इस संस्था के सभी सदस्यों में प्रसन्नता की लहर छा गई। २५ मार्च, २०२३ को हिंदी राइटर्स गिल्ड कैनेडा के निदेशक मंडल ने सभी सदस्यों के साथ मिलकर शैलजा सक्सेना को बधाई देने और संस्था की ओर से भी सम्मानित करने के लिए आयोजन किया। आर्य समाज मिसिसागा के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में संस्था के सभी सदस्यों के साथ-साथ अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे, ये संस्थाएँ हैं— एकल फ़ाउंडेशन, अंतर्मन, हिंदी टाइम्स मीडिया, ज़ी टी वी तथा प्रोविंशियल पार्लियमेंट के कुछ सदस्य आदि।
अतिथियों के स्वागत के लिए श्रीमती स्नेह धर जी के द्वारा कश्मीरी कहवे और नाश्ते का प्रबंध था जिसे सब… आगे पढ़ें
कांगड़ा के राजीव डोगरा को नाईजीरिया से मिली डॉक्टरेट की उपाधि
कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश।
कांगड़ा के युवा कवि और भाषा अध्यापक राजीव डोगरा को साहित्य, शिक्षा और मानवता में किए गए उनके द्वारा कार्यों के लिए नाइजीरिया की संस्था Good Samaritan Theological Seminary (Affiliated with TECHM INTL INC United States of America) ने डॉक्टरेट की उपाधि देकर सम्मानित किया। उनको यह उपाधि संस्था के चांसलर Dr. Ade Harold और Prof. H E Amb. Dr. Md. Shahin ने वर्चुअल प्रदान की। राजीव ने बांग्लादेश के कवि तनवीर शाहीन का विशेष रूप से धन्यवाद किया जिनके मार्गदर्शन और सहयोग से उनको इतनी बड़ी उपलब्धि प्राप्त हुई।
सम्मानित होने पर राजीव के माता-पिता हंसराज और सरोज कुमारी तथा शिमला के रोशन जसवाल (साहित्यकार और रिटायर्ड ज्वाइंट डायरेक्टर शिक्षा विभाग हिमाचल प्रदेश), रविंदर नरयाल (खण्ड स्त्रोत केंद्रीय समन्वयक खण्ड कांगड़ा के बी.आर.सी.), प्रिंसिपल नीरज गर्ग (गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल गाहलियां), धराधाम इंटरनेशनल संस्था के संस्थापक डॉ. सौरभ पांडे, कांगड़ा के साहित्यकार उदयवीर… आगे पढ़ें
मानवीयता की संस्कृति के उत्थान में सभी देश एक साथ
डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी को अंतरराष्ट्रीय फ़ोरम, सीरिया के एम्बेसेडर का सम्मान
उदयपुर/06 नवम्बर।
सीरिया, मध्य पूर्व के संस्थान इंटरनेशनल कल्चरल फ़ोरम ऑफ़ ह्यूमैनिटी एंड क्रिएटिविटी द्वारा जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ के सहायक आचार्य डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी को वर्ष 2022 के अंतरराष्ट्रीय फ़ोरम के एम्बेसेडर का सम्मान प्रदान किया गया है। यह सम्मान उन्हें उनके द्वारा किए गए वैश्विक स्तर पर सभी समुदायों में सांस्कृतिक व शैक्षिक जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों हेतु इंटरनेशनल कल्चरल फ़ोरम ऑफ़ ह्यूमैनिटी एंड क्रिएटिविटी के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. अयमन कोदरा डेनियल द्वारा प्रदान किया गया।
कुलपति प्रो. कर्नल एस. एस. सारंगदेवोत ने पूरे विद्यापीठ की तरफ़ से डॉ. छतलानी को बधाई देते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर संस्कृति को शिक्षा द्वारा सँभालने की आवश्यकता है। ऐसे देश जिनमें जागरूकता और शिक्षा के अभाव के कारण मानवीयता दम तोड़ रही है, उनमें उचित व इंसानियत की शिक्षा देकर भारतीय… आगे पढ़ें
डॉ. मोहन बैरागी को मिस्र (इजिप्ट) में मिला हिंदी सम्मान
हिंदी साहित्य के राहुल सांकृत्यायन सम्मान से विभूषित हुए डॉ. मोहन बैरागी
उज्जैन। हिंदी साहित्य और हिंदी भाषा का डंका विश्व के कई देशों में वर्तमान समय में बज रहा है। विगत दिनों ही हिंदी भाषा को सातवें क्रम में वैश्विक रूप से स्वीकृत किया गया है। भारतीय भाषा और हिंदी साहित्य की व्यापकता इसी बात से प्रमाणित होती है कि मिस्र के नोबेल पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार अहमद शौक़ी ने भारत से रबिंद्रनाथ टैगोर को मिस्र आमंत्रित कर अपना सारा साहित्य समर्पित कर दिया था। साहित्य को समर्पित विद्वानों के ऐसे देश में 19वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन 6 जून से 17 जून 2022 को मिस्र के काहिरा में आयोजित किया गया। भारत तथा अन्य देशों के विद्वानों व साहित्यकारों के इस संयोजन के समय वैश्विक रूप से भारतीय भाषा को स्थापित करने के प्रयास में यह सम्मेलन मिल का पत्थर साबित होगा, यह… आगे पढ़ें
वातायन-यूके, हिंदी राइटर्सगिल्ड कैनडा और वैश्विक परिवार द्वारा ‘दो देश-दो कहानियाँ’–कल्पना मनोरमा
(पूरा कार्यक्रम देखने के लिए क्लिक करें - दो देश-दो कहानियाँ, जनवरी 2022)
लंदन 15 जनवरी 2022: वातायन-यूके, हिंदी राइटर्स गिल्ड और वैश्विक परिवार द्वारा आयोजित एक नई शृंखला ‘दो देश - दो कहानियाँ’ की शुरूआत डॉ. हरीश नवल जी की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें दो जाने-माने और पुरस्कृत लेखक: सुमन घई (कैनेडा) और तेजेंद्र शर्मा (ब्रिटेन) ने अपनी-अपनी कहानियाँ प्रस्तुत कीं। वातायन की संस्थापक, दिव्या माथुर जी के सुन्दर संयोजन, आशीष मिश्रा जी के संक्षिप्त स्वागत-भाषण और डॉ. शैलजा सक्सेना जी के कुशल संचालन में इस संगोष्ठी की सफलता निश्चित ही थी; सो, विद्वतजनों की प्रखर उपस्थिति में कार्यक्रम की शुरूआत की गयी।
शैलजा जी ने सुमन घई जी का अनुकरणीय साहित्यिक परिचय देते हुए उनको कहानी पाठ के लिए मंच पर आमंत्रित किया।… आगे पढ़ें
ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन, अमेरिका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान तथा शिवना प्रकाशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कथा-कविता सम्मान घोषित
तेजेंद्र शर्मा, रणेंद्र, उमेश पंत, लक्ष्मी शर्मा, इरशाद ख़ान सिकंदर तथा मोतीलाल आलमचंद्र को सम्मान
सीहोर (1 दिसंबर)
ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन अमेरिका ने अपने प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान तथा शिवना प्रकाशन ने अपने कथा-कविता सम्मान घोषित कर दिए हैं। ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन सम्मानों की चयन समिति के संयोजक पंकज सुबीर ने बताया कि 'ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन लाइफ़ टाइम एचीवमेंट सम्मान' हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार इंग्लैंड में रहने वाले श्री तेजेन्द्र शर्मा को प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है। सम्मान के तहत इक्यावन हज़ार रुपये सम्मान राशि तथा सम्मान पत्र प्रदान किया जाएगा। वहीं 'ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान' उपन्यास विधा में वरिष्ठ साहित्यकार श्री रणेंद्र को राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित उनके उपन्यास 'गूँगी रुलाई का कोरस' हेतु तथा कथेतर विधा में श्री उमेश पंत… आगे पढ़ें
पंकज सुबीर को रूस का पुश्किन सम्मान
30 अगस्त 2021 – मास्को। मानवीय सरोकारों के पैराकार हिन्दी के चर्चित लेखक पंकज सुबीर को रूस का पुश्किन सम्मान-2017 दिये जाने की घोषणा की गई है। रूस के 'भारत मित्र समाज' की ओर से प्रतिवर्ष हिन्दी के एक प्रसिद्ध लेखक-कवि को मास्को में हिन्दी साहित्य का यह महत्त्वपूर्ण सम्मान दिया जाता है। इस क्रम में समकालीन भारतीय लेखकों में अपना विशिष्ट स्थान रखने वाले और कथा लेखन के प्रति विशेष रूप से समर्पित पंकज सुबीर को जल्द ही यह सम्मान मास्को में आयोजित होने वाले गरिमापूर्ण कार्यक्रम में दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पहली बार यह सम्मान किसी युवा लेखक को मिला है।
मूल रूप से मानवीय संवेदना के पक्ष में खड़े नज़र आने वाले लेखक पंकज सुबीर के अब तक सात कहानी संग्रह, तीन उपन्यास, और संपादन की… आगे पढ़ें
विश्वरंग 2020 - कैनेडा सत्र नवम्बर 07
रिपोर्ट- आशा बर्मन
कैनेडा के हिंदी-प्रेमियों के लिए 7 नवम्बर 2020 एक अविस्मरणीय दिन रहेगा। इसी दिन पहली बार कैनेडा में विश्व रंग कैनेडा 2020 का हिंदी उत्सव आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के लिए हम लोग 'रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय' और उसके चांसलर डॉ संतोष चौबे जी के आभारी हैं। इस आयोजन में हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं पर बातचीत तथा प्रवासी भारतवासियों द्वारा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये।
सर्वप्रथम डॉक्टर शैलजा सक्सेना ने सभी दर्शकों का स्वागत करते हुए हमारी काउंसलाध्यक्ष श्रीमती अपूर्वा श्रीवास्तव जी को सभा के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया। उनके कथनानुसार हिंदी में ही भारत को एक सूत्र में बाँधने की क्षमता है भारत की सांस्कृतिक विविधता और सुंदरता को बनाए रखने के लिए भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना बहुत ज़रूरी है।
… आगे पढ़ेंवातायन के इतिहास में एक शानदार सम्मान-समारोह
डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक’ और श्री मनोज मुंतशिर वातायन-यूके द्वारा सम्मानित
लंदन, 21 नवंबर 2020: वातायन का वार्षिक समारोह कार्यक्रम इस बार आभासी मंच पर संपन्न हुआ, अपनी उतनी ही धूमधाम से जैसे कि 2004 से हर वर्ष हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स अथवा नेहरु केंद्र-लंदन में होता चला आया है। भारतीय उच्चायोग के मंत्री (संस्कृति) एवं -लंदन नेहरु केंद्र के निदेशक, डॉ. अमीश त्रिपाठी, श्री वीरेंद्र शर्मा, ब्रिटिश सांसद, प्रतिष्ठित लेखिका और वातायन-यूके की संस्थापक दिव्या माथुर, एफ.आर.एस.ए. की उपस्थिति में प्रख्यात लेखक एवं भारत के शिक्षा मंत्री, डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' जी को वातायन के लाइफ़-टाइम अचीवमेंट पुरस्कार और प्रसिद्ध गीतकार, पटकथा और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को वार्षिक वातायन काव्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन किया डॉ. पद्मेश गुप्त, यूके हिंदी समिति के… आगे पढ़ें
तेजेन्द्र शर्मा के कविता संग्रह ‘टेम्स नदी के तट से’ का लोकार्पण नेहरू सेन्टर लंदन के मंच से...
• कथा यू.के. संवाददाता
भारतीय उच्चायोग लंदन, नेहरू सेन्टर लंदन एवं एशियन कम्यूनिटी आर्ट्स ने एक साझे कार्यक्रम में तेजेन्द्र शर्मा के नवीनतम कविता संग्रह ‘टेम्स नदी के तट से’ के लोकार्पण समारोह का आयोजन किया। लोकार्पण समारोह ज़ूम पर आयोजित किया और लाइव स्ट्रीम फ़ेसबुक, ट्विटर एवं यू-ट्यूब पर दिखाई गयी। भारी संख्या में दर्शकों ने इस कार्यक्रम का लुत्फ़ उठाया। नेहरू सेन्टर के उप-निदेशक श्री बृजकुमार गुहारे ने सभी प्रतिभागियों, एवं फ़ेसबुक, ट्विटर व यू-ट्यूब पर श्रोताओं का स्वागत किया।
लोकार्पण करते हुए नेहरू सेंटर के निदेशक एवं अंग्रेज़ी के लोकप्रिय लेखक श्री अमीश त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना ने जहाँ एक ओर डर का माहौल पैदा कर दिया है वहीं तकनीक ने हमें ऐसे अवसर प्रदान किये हैं कि हम अलग-अलग देशों में रहते… आगे पढ़ें
ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन, अमेरिका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान तथा शिवना प्रकाशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कथा-कविता सम्मान घोषित
(सभी सम्मान लेखिकाओं को)
ममता कालिया, उषाकिरण ख़ान, अनिलप्रभा कुमार, प्रज्ञा, रश्मि भारद्वाज तथा गरिमा संजय दुबे होंगे सम्मानित
ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन अमेरिका ने अपने प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान तथा शिवना प्रकाशन ने अपने कथा-कविता सम्मान घोषित कर दिए हैं। ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन सम्मानों की चयन समिति के संयोजक पंकज सुबीर ने बताया कि 'ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन लाइफ़ टाइम एचीवमेंट सम्मान' हिन्दी की वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया को प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है सम्मान के तहत इक्यावन हज़ार रुपये सम्मान राशि तथा सम्मान पत्र प्रदान किया जाएगा। वहीं 'ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान' उपन्यास विधा में वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री उषाकिरण ख़ान को वाणी प्रकाशन से प्रकाशित उनके उपन्यास 'अगनहिंडोला' हेतु तथा कहानी विधा में प्रवासी कहानीकार अनिलप्रभा कुमार को भावना प्रकाशन से प्रकाशित उनके कहानी संग्रह 'कतार… आगे पढ़ें
डॉ. सुषम बेदी की स्मृति में भावपूर्ण ज़ूम श्रद्धांजलि सभा
दिनांक 15 मई, 2020 को शीर्ष प्रवासी साहित्यकार श्रीमती सुषम बेदी की स्मृति में वैश्विक हिंदी परिवार (वाटस्एप समूह) द्वारा विश्व की विभिन्न संस्थाओं अक्षरम (भारत), वातायन काव्यांजलि (ब्रिटेन), हिंदी राइटर्स गिल्ड (कनाडा), झिलमिल (अमेरीका) के सहयोग से श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में श्रीमती सुषम बेदी जी की स्मृति में साहित्य कुंज द्वारा प्रकाशित वेब अंक का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम में उनके परिवार के सदस्यों उनके पति श्री राहुल बेदी, बेटी व अभिनेत्री पूर्वा बेदी व परिवार के अन्य सदस्यों के अतिरिक्त न्यूयार्क में भारत के कौंसलेट जनरल श्री संदीप चक्रवर्ती, विश्व हिंदी सचिवालय के महासचिव श्री विनोद कुमार मिश्र, केंद्रीय हिंदी संस्थान के श्री कमल किशोर गोयनका, वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव, अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद के श्री श्याम परांडे व नारायण कुमार और कार्यक्रम के आयोजक… आगे पढ़ें
फ़ॉल्सम, कैलिफ़ोर्निया में 'रचनात्मिका - हिंदी साहित्य मंच' का गठन
११ जनवरी २०२०, फ़ॉल्सम, कैलिफ़ोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका। "विश्व हिंदी दिवस" के सुअवसर पर सैक्रामेंटो तथा आस पास के क्षेत्रों में हिंदी भाषा के साहित्य साधकों को नव साहित्य सृजन हेतु प्रेरित करने के उद्देश्य से फ़ॉल्सम पब्लिक लाइब्रेरी में "रचनात्मिका - हिंदी साहित्य मंच" का गठन किया गया। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध लेखिका डॉ. प्रतिभा सक्सेना की अध्यक्षता में मंच की प्रथम साहित्य गोष्ठी भी आयोजित की गई। गोष्ठी में पूनम सिरोही, अतुल श्रीवास्तव, अनिल सूरी, शिवेश सिन्हा, चिंतन राज्यगुरु, वंदना शर्मा, अभिनव शुक्ल, जय श्रीवास्तव एवं डॉ प्रतिभा सक्सेना ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम का सञ्चालन लोकप्रिय कवि अभिनव शुक्ल ने किया।
आगे पढ़ेंसाहित्यकार त्रिलोक सिंह ठकुरेला पाठ्यक्रम में
सुपरिचित कुंडलियाकार एवं साहित्यकार त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाओं को XSEED Education की पाठ्य-पुस्तकों में सम्मिलित किया गया है । XSEED Education की कक्षा 6 की हिंदी पाठ्य-पुस्तक भाग 2 में त्रिलोक सिंह ठकुरेला की कुण्डलियाँ, कक्षा 7 की हिंदी पाठ्य-पुस्तक भाग 1 में बाल कविता एवं कक्षा 8 की हिंदी पाठ्य-पुस्तक में गीत सम्मिलित किया गया है । ज्ञातव्य है कि XSEED Education का मुख्यालय सिंगापुर में स्थित है, जिसकी शिक्षण पद्धति से भारत सहित 8 देशों के हज़ारों स्कूल संचालित हैं ।
त्रिलोक सिंह ठकुरेला को उनके साहित्यिक अवदान के लिए अनेक साहित्यिक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है । उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाओं को महाराष्ट्र राज्य की दसवीं कक्षा की पाठ्य-पुस्तक 'हिंदी कुमारभारती' सहित अनेक पाठ्य-पुस्तकों में सम्मिलित किया जा चुका है ।
आगे पढ़ेंकहानी-पाठ एवं चर्चा - उर्मिला जैन का संग्रह ’मोन्टाना’ और कमला दत्त का ’अच्छी औरतें’
लंदन, 17 जुलाई 2019 – वातायन पोएट्री ऑन साउथ बैंक द्वारा नेहरु सेंटर-लंदन में एक विशेष साहित्यिक समारोह का आयोजन किया गया जिसमें जानी-मानी लेखिका और अनुवादक उर्मिला जैन की पुस्तक ’ट्रेमोन्टाना’ जो कि स्पैनिश लेखक मार्क्वेज़ गेब्रियल की कहानियों का सुंदर अनुवाद है और एटलांटा-यू.एस.ए. से पधारी वरिष्ठ अनुसंधानकर्ता और कथाकार कमला दत्त के कहानी-संग्रह ’अच्छी औरतें’ पर लंदन में बसी साहित्यकारों, डॉ. अचला शार्मा एवं श्रीमती शैल अग्रवाल द्वारा चर्चा की गयी; लेखिकाओं ने अपनी एक छोटी कहानी का नाटकीय पाठ भी किया।
नेत्र-सर्जन, फ़िल्म-प्रोड्यूसर, डायरेक्टर और कवि, डॉ. निखिल कौशिक जो इस कार्यक्रम के कुशल संचालक भी थे, की सुरीली वंदना के उपरान्त वातायन की अध्यक्ष मीरा कौशिक, ओ.बी.ई. ने मंच से अतिथियों एवं श्रोताओं का स्वागत-अभिनंदन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे ब्रिस्टल के मेयर माननीय टॉम आदित्य जो अनुशासन-प्रबंधन के कार्य में रत रहते हुए बहु-भाषा के फ़ोरम एवं सामाजिक अभियानों का नेतृत्व… आगे पढ़ें
वियतनाम में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव में डॉ. रवीन्द्र प्रभात के नेतृत्व में हिस्सा लिया 55 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने
भारतीय महावाणिज्य दूतावास हो ची मिन्ह सिटी वियतनाम, भारतीय व्यापार कक्ष वियतनाम और प्रमुख भारतीय संस्था परिकल्पना के संयुक्त तत्वावधान में विगत 26 और 27 मई 2019 को हो ची मिन्ह सिटी वियतनाम के स्थानीय क्लब हाउस एवं एलीओस सभागार में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव में लखनऊ के वरिष्ठ साहित्यकार और हिन्दी के मुख्य ब्लॉग विश्लेषक डॉ. रवीन्द्र प्रभात के नेतृत्व में 55 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वियतनाम में भारत के कार्यवाहक प्रधान कौन्सुल श्री जे. सी. कंदपाल ने की और संचालन किया पी पी एस टू कौन्सुल जनरल एवं कम्यूनिटी वेलफेयर ऑफिसर, भारत का प्रधान कौंसुलावास, हो ची मिन्ह सिटी, वियतनाम, श्री आर. एस. चौहान ने। साथ ही मंचासीन रहे भारतीय व्यापार कक्ष, हो ची मिन्ह सिटी वियतनाम के उपाध्यक्ष श्री मुनीश गुप्ता, राष्ट्रीय विश्वविद्यालय वियतनाम… आगे पढ़ें
टोरंटो में लिट फेस्टिवल
पिट्सबर्ग (अमेरिका) से हिंदी व अंग्रेज़ी भाषा में प्रकाशित होने वाली साहित्य मासिक पत्रिका सेतु द्वारा टोरंटो में लिट फेस्टिवल का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर डॉ. सुनील शर्मा के कविता संग्रह इंटरसेक्शंस, श्री अनुराग शर्मा द्वारा संपादित काव्य संकलन पतझड़ सावन बसंत बहार एवं डॉ. हंसा दीप के उपन्यास ‘कुबेर’ का लोकार्पण हिंदी एवं अँग्रेज़ी के रचनाकारों की उपस्थिति में किया गया।
अमेरिका में हिंदी के पाठन की चुनौतियों पर सुश्री सोनिया तनेजा के वक्तव्य के साथ सर्वश्री स्कॉट थॉमस आउटलर, हीथ ब्रोघर, नरेंद्र भांगू, डॉ. सुनील शर्मा, शेरान बर्ग एवं संगीता शर्मा ने अँग्रेज़ी में एवं सर्वश्री अखिल भंडारी, सुमन घई, सरन घई, अजय गुप्ता, अनुराग शर्मा व धर्मपाल महेंद्र जैन ने हिंदी में रचना पाठ किया। रचनाकारों ने हिंदी एवं अँग्रेज़ी में लिखी जा रही आधुनिक कविता की प्रासंगिकता और भविष्य पर सार्थक बातचीत करते हुए द्विभाषी कार्यक्रमों में रचनात्मक सहयोग पर बल… आगे पढ़ें
अमेरिका की फ़ोलसम नगरी ने मनाया हिंदी कवि का जन्मोत्सव
बायें - काव्य पाठ करते अभिनव शुक्ल दायें - सरस्वती वंदना करती दीप्ति शरण
मई १८, २०१९, फ़ोलसम, कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका। कैलिफोर्निया की राजधानी साक्रामेंटो क्षेत्र की फॉल्सम नगरी के मेसॉनिक सेंटर सभागार में, लोकप्रिय हिंदी कवि अभिनव शुक्ल के चालीसवें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में एक हिंदी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में अभिनव शुक्ल को सैक्रामेंटो के साहित्यिक समाज की ओर से सम्मानित किया गया तथा कवियों ने चार घंटों तक श्रोताओं को अपनी कविताओं के रस से सराबोर किया।
मंच पर अभिनव की विभिन्न भाव भंगिमाएँ प्रदर्शित करता एक बैनर लगाया गया था, अभिनव के जीवन के विविध पड़ावों को दर्शाते चित्र एक प्रोजेक्टर पर प्रदर्शित करने हेतु फिल्म तैयार की गयी थी तथा पूरा सभागार सुरुचिपूर्ण तरीके से सजाया गया था। कवि सम्मेलन के प्रारम्भ में जय श्रीवास्तव ने अभिनव को जन्मदिन की बधाइयाँ देते हुए इस कार्यक्रम के… आगे पढ़ें
ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन, अमेरिका द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान तथा शिवना प्रकाशन द्वारा कथा-कविता सम्मान घोषित
ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन अमेरिका ने अपने प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान तथा शिवना प्रकाशन ने अपने कथा-कविता सम्मान घोषित कर दिए हैं। ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन सम्मानों की चयन समिति के संयोजक पंकज सुबीर ने बताया कि "ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन लाइफ़ टाइम एचीवमेंट सम्मा" हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार तथा केंद्रीय हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष डॉ. कमल किशोर गोयनका को, "ढींगरा फ़ैमिली फ़ाउण्डेशन अंतर्राष्ट्रीय कथा सम्मान" उपन्यास विधा में हिन्दी की चर्चित लेखिका मनीषा कुलश्रेष्ठ को उपन्यास 'मल्लिका' हेतु तथा कहानी विधा में हिन्दी के वरिष्ठ कथाकार और समावर्तन के संपादक मुकेश वर्मा को कहानी संग्रह 'सत्कथा कही नहीं जाती' हेतु प्रदान किए जाएँगे। शिवना प्रकाशन के सम्मानों की चयन समिति के संयोजक श्री नीरज गोस्वामी ने बताया कि 'शिवना कथा सम्मान' हिन्दी की चर्चित लेखिका गीताश्री को उपन्यास 'हसीनाबाद' के लिए, 'शिवना कविता सम्मान' महत्त्वपूर्ण कवि वसंत सकरगाए को कविता संग्रह 'पखेरू जानते हैं' तथा 'शिवना कृति सम्मान' शिवना प्रकाशन से… आगे पढ़ें