स्वागत सम्मान
भावना सक्सैना
एक समसामयिक, अति विज्ञापित महत्त्वपूर्ण विषय पर ऑनलाइन संगोष्ठी का निमंत्रण व लिंक प्राप्त हुआ तो रुचि व उत्सुकतावश जुड़ गया।
कार्यक्रम आरम्भ हुआ, पहले एक विद्वान ने स्वागत करते हुए परिचय दिया, फिर संचालक को आमंत्रित किया गया, संचालक ने औपचारिक स्वागत के लिए एक अन्य विद्वान प्रोफ़ेसर को आमंत्रित किया। स्वागत के इस क्रम में गोष्ठी में जुड़े प्रत्येक व्यक्ति का अलग से नाम लेकर उनकी ख़ूबियाँ व आंय-बांय-दांय से मिले सम्मानों का विवरण देते हुए अभिनन्दन किया गया। अब बारी थी संचालक द्वारा विषय प्रवेश की। सम्बन्धित विषय में महारथ हासिल संचालक महोदय ने विषय प्रवेश किया।
घड़ी पर नज़र गई 35 मिनट गुज़र चुके थे। अब उसकी बारी थी लॉग आउट करने की। जब तक लॉगआउट हुआ संचालक महोदय विषय विशेषज्ञ को इन शब्दों से आमंत्रित कर चुके थे—हमारे आज के मुख्य वक्ता हैं . . . आप इस विषय के विशेषज्ञ हैं, आशा करता हूँ आप इनके वक्तव्य से लाभान्वित होंगे। मैं महोदय से आग्रह करूँगा वह समय सीमा का ध्यान रखने की कृपा करें।