कौन हूँ मैं! 

01-03-2023

कौन हूँ मैं! 

भावना सक्सैना  (अंक: 224, मार्च प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

कल पूछा था किसी ने
कौन हूँ मैं
सोच रहा हूँ अभी तक
अपना पता! 
नाम हूँ क्या? 
या रिश्ता कोई? 
कर्म से दूँ क्या पहचान बता? 
कोई उपाधि, 
कोई तमगा, 
क्या करेगा परिभाषित! 
 
अणु पुंज कोई
क्या बस देह यही . . . 
या वो मन जिसको
नेह जल ने छुआ
कौन हूँ मैं
जानना स्वयं को बाक़ी अभी
किसी को क्या दूँ अपना पता। 
 
वक़्त की रेत का
महीन कोई कण
अनन्त व्योम से
स्वर एक टूटा हुआ
क़तरा किसी एहसास का
कह दे कोई शायद
या किरण का किसी
एक बिंदु कहीं छूटा हुआ
 
कृति ईश की
सागर में कश्ती सी
इससे और क्या
परिचय जुदा
अभक्त तो नहीं
भक्त भी अभी हो न सका
चिरकाल से विचरा
रूपों में कईं
कौन से रूप का दे दूँ मैं पता
कौन हूँ मैं
जानना स्वयं को बाक़ी अभी
किसी को दूँ क्या अपना पता! 

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