राजा सब नंगे होते हैं

01-07-2023

राजा सब नंगे होते हैं

प्रो. ऋषभदेव शर्मा (अंक: 232, जुलाई प्रथम, 2023 में प्रकाशित)


(तेवरी)
 
राजा सब नंगे होते हैं। 
कहने पर पंगे होते हैं॥
 
शीश झुकाकर जो जय बोलें, 
बंदे वे चंगे होते हैं॥
 
लाज शरम सिखलाने वाले
ज़ेहन के तंगे होते हैं॥
 
रंग-ढंग का ठेका जिन पर, 
वे ख़ुद बेढंगे होते हैं॥
 
‘गला काटने वाले क़ातिल’, 
मत कहना, दंगे होते हैं॥

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